कमिश्नरेट पुलिस फिर पार्कों में नागरिकों को नमस्ते कहती नजर आएगी,जेसीपी ने की शुरुआत


वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 07 नवम्बर। नवाबों की नगरी लखनऊ में पुलिस वाले बिना जान पहचान आपको एक बार फिर 'नमस्ते' कहते नजर आएं तो चौंकिएगा नहीं। कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद कमिश्नर सुजीत पांडेय ने राजधानी में नमस्ते लखनऊ नाम से करीब आठ महीने पहले एक मार्च को विशेष अभियान शुरू किया था। लेकिन कोरोना के चलते लॉक डाउन की वजह से सब कुछ बंद होने के चलते ये अभियान ठप हो गाय था। शनिवार को सुबह तड़के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून-व्यवस्था नवीन अरोड़ा जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचे। उन्होंने नमस्ते लखनऊ अभियान की फिर से शुरुआत करते हुए पुलिसिंग व्यवस्था के बारे में वहां पर मौजूद लोगों से फीडबैक भी लिया। जेसीपी ने पार्क में मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि हमारे रहते हुए आप लोगों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। कमिश्नरेट पुलिस आप की सुरक्षा के लिए हर दम आप के साथ खड़ी है। कोई परेशानी होनी पर आप फ़ौरन 112 नंबर पर कॉल करें चंद मिनटों में पुलिस आप के निकट खड़ी होगी। जेसीपी की ये बातें और उन्हें अपने पास पाकर पार्क में मौजूद बच्चे और बुजुर्ग लोगों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे। जेसीपी ने सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते बोला। इस दौरान पार्क में क्रिकेट खेल रहे बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बच्चों के साथ क्रिकेट भी खेला।



       नमस्ते लखऊ अभियान के तहत सुबह-शाम पार्क व सड़क पर टहलने वाले लोगों के लिए पुलिस की विशेष गश्त लगाई जाएगी। पार्कों के पास मोबाइल गश्त टीम लगेगी। साथ ही वॉक पर निकलने वालों से नमस्ते करते हुए पुलिस उनका हालचाल भी लेगी। यह अभियान सुबह व शाम साढ़े पांच बजे से सात बजे तक चलेगा। पुलिस की गाड़ियों पर नमस्ते लखनऊ लिखा होगा। इन गाड़ियों पर एक दरोगा, दो महिला सिपाहियों समेत पांच पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार करने के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी मिलेगी। बीते दिनों लॉक डाउन से पहले तीन दिवसीय ट्रेनिंग हो चुकी है। 25 से 27 फरवरी तक लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना है आदि बातों की जानकारी दी गई थी। इसके बाद 28 व 29 फरवरी को ट्रेनिंग का परीक्षण लिया गया था। एक मार्च को अभियान की शुरुआत हुई थी। इस संबंध में जेसीपी ने कहा कि, अभी भी कुछ लोग अपनी समस्याएं पुलिस के पास दर्ज कराने से हिचकिचाते हैं। उनका डर दूर करने के लिए पुलिसकर्मी उनके साथ संवाद स्थापित करेंगे। इस अभियान से एक बाद फिर से पुलिस का उन पर विश्वास बढ़ेगा।