वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 16 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश की 07 विधान सभा सीटों पर दिनांक 03 नवम्बर 2020 को उप चुनाव मतदान (40-नौगावां सादात, 65-बुलन्दशहर, 95-टुण्डला (अ0जा0), 162-बांगरमऊ, 218-घाटमपुर (अ0जा0), 337-देवरिया तथा 367-मल्हनी विधान सभा) निर्वाचन क्षेत्रों के उप निर्वाचन के लिए दिनांक 03 नवम्बर, 2020 को होने वाले मतदान में प्रतिरूपण को रोकने की दृष्टि से मतदान के समय मतदाता को अपनी मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।
यह जानकारी देते हुए शुक्ला ने बताया कि ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए बैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने बताया कि अधार कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, राज्य/केन्द्र सरकार के लोक उपक्रम, पब्लिक लि0 कम्परियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गये फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र एवं सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र मान्य होगा।
श्री शुक्ला ने बताया कि एपिक के संबंध में, लेखन एवं वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए, बशर्ते निर्वाचक की पहचान ईपीआईसी से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किये जायेंगे, बशर्ते उस निर्वाचक का नाम, जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान केन्द्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना सम्भव न हो, तब निर्वाचक को उपरोक्त वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त किसी भी बात के होते हुए भी प्रवासी निर्वाचक, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा-20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केन्द्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।: अशोक कुमार
प्रदेश में उपचुनाव में प्रतिरूपण को रोकने हेतु मतदाता को अपनी मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा - अजय कुमार शुक्ला