पासपोर्ट सत्यापन: हर जिले में 5-10 लाख/माह वसूली, लगे अंकुश - डॉ नूतन ठाकुर 

वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी) अजय कुमार वर्मा
 लखनऊ 24 अक्टूबर। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने पासपोर्ट जाँच के नाम पर एलआईयू द्वारा पूरे प्रदेश में की जा रही अवैध वसूली पर अंकुश लगाये जाने की मांग की है। 
डीजीपी यूपी एच सी अवस्थी को भेजी शिकायत में नूतन ने कहा कि कृपया अनुरोध है कि तत्कालीन डीजीपी, यूपी ने 04 नवम्बर 2011 के आदेश एलआईयू कर्मियों को पासपोर्ट जाँच के लिए आवेदक के घर नहीं जाने तथा कार्यालय के अभिलेखों के आधार पर ही अपनी आख्या देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अभिसूचना विभाग ने भी इस संबंध में बार-बार निर्देश दिए। 
नूतन ने कहा कि इसके बाद भी केवल देवरिया जिले को छोड़ कर पूरे प्रदेश में एलआईयू कर्मी सत्यापन के नाम पर आवेदक के घर जा रहे हैं जहाँ वे रु० 1000-2000 की उगाही करते हैं। इस उगाही में रु० 300-500 एलआईयू के इंचार्ज को मिलता है। प्रत्येक जिले में औसतन पासपोर्ट के 1000-3000 आवेदन प्रति माह आते हैं। इस तरह प्रत्येक जिले में औसत 5-10 लाख रुपये प्रति माह की वसूली मात्र पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह वसूली केवल जिले के एसपी तथा उनके ऊपर के अफसरों के आँखें मूंदे रहने के कारण हो रही है। उन्होंने डीजीपी से इस आदेश का वास्तविक अनुपालन कराये जाने की मांग की है।