वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 7अक्टूबर। अधिकारी कैडर की विश्व की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कांफेडरेशन (आयबाॅक) के 35वें स्थापना दिवस पर उ0प्र0 इकाई ने मोहिनी मेंशन, हजरतगंज में सभा आयोजित की। सभा को संबोधित करते हुए महासचिव दिलीप चौहान ने कहा कि हम जनता के हित के लिए सरकार के जनविरोधी फैसलों का विरोध हर स्तर पर करेंगे। हमारा यह प्रयास होगा कि बैंक और उसकी नीतियाँ जनता की भलाई के लिये हो।
इस अवसर पर अध्यक्ष पवन कुमार (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए आयबाॅक द्वारा निजीकरण के विरुद्ध अंतहीन संघर्ष जारी रखने पर जोर दिया। उपाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव (यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) ने कहा कि आयबाॅक ने अपने सदस्यों तथा राष्ट्र निर्माण में सहायक युवाओं के लिये अभूतपूर्व योगदान दिया है। वहीं उपाध्यक्ष रामनाथ शुक्ल (इलाहाबाद बैंक) ने कहा कि भविष्य हमारे संघर्ष को उच्चतम शिखर तक ले जाएगा और इस धर्मयुद्ध में हर मोर्चे पर हमारी विजय होगी। ग्रामीण बैंक के भोलेंद्र सिंह ने अपना रोष जाहिर किया कि पिछले दिनों हुआ बैंकों का विलय सरकारी बैंकों को समाप्त करने का सरकार का एक कुत्सित प्रयास है। सरकार जनता का धन कोर्पोरटस के हाथों में सौंपकर सबका ध्यान कार्पोरेटस के ऋण वसूली से हटाना चाहती है। उपमहामंत्री सौरभ श्रीवास्तव (बैंक ऑफ इंडिया) ने कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण से समाज पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिससे मध्यम वर्ग सीधे तौर पर प्रभावित होगा। सरकार कार्पोरेट सेक्टर से ऋण वसूली के स्थान पर उनको सरकारी संस्थान सौंपने की तैयारी में है।
अन्य वक्ताओं में केनरा बैंक से विवेक श्रीवास्तव, पंजाब नेशनल बैंक से चन्द्रिका प्रसाद, बैंक ऑफ इंडिया से बी.पी. वर्मा, मुकेश श्रीवास्तव, सत्यजीत सिंह, संजीव मदान, इंडियन बैंक से नमित शर्मा, बैंक ऑफ़ बडौदा से शशी सिंह, संकेत सिंह, शशांक सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कांफेडरेशन के स्थापना दिवस पर बैंक कर्मियों ने बैंकों के विलय का विरोध किया