वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी) अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर बाढ़ से प्रभावित 19 जनपदों के 03 लाख 48 हजार 511 किसानों को क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 113 करोड़ 20 लाख 66 हजार रुपये की धनराशि उनके खातों में आॅनलाइन हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत बाढ़ की चपेट में आ गयी थी। यह धनराशि किसानों के नुकसान की काफी हद तक भरपाई करने में मददगार साबित होगी। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद सभी बाढ़ प्रभावित जनपदों में युद्धस्तर पर राहत कार्य संचालित किये गये। राज्य सरकार द्वारा यह प्रयास किया गया कि बाढ़ प्रभावित जनता को पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री समय से मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर प्रभावित जनपद में समय से नौकाओं की व्यवस्था की गयी। एन0डी0आर0एफ0 तथा एस0डी०आर० एफ0 के माध्यम से बचाव तथा राहत कार्य संचालित किये गये। बाढ़ के दौरान प्रशासनिक टीम ने राहत आयुक्त कार्यालय के साथ बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बाढ़ से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्था करने का कार्य अभी से आगे बढ़ाया जाए। इससे बाढ़ जैसी आपदा को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही हैं। किसानों के जीवन में खुशहाली आये, इसके लिए लागत का डेढ़ गुना दाम दिये जाने की व्यवस्था की गयी। न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को प्राप्त हो सके, यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य हर हाल में प्राप्त हो, इसके लिए प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित कराएं। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों का शोषण करने वालों, उनके साथ अन्याय करने वाले तत्वों के साथ सख्ती से निपटें। मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना काल खण्ड में कृषि ने अर्थव्यवस्था को नई जान दी। ऐसी स्थिति में किसान मेहनत करके अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में जब अपना योगदान देता है, तो हमारा दायित्व बनता है कि हम किसान के साथ हर सुख-दुःख की घड़ी में मजबूती से खड़े रहें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनपद लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बाराबंकी, बहराइच और सिद्धार्थनगर के किसानों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने किसानों से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा बाढ़ के दौरान उपलब्ध करायी गयी मदद के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। किसानों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा दी गई मदद उन्हें समय से प्राप्त हुई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, राहत आयुक्त संजय गोयल तथा सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि बाढ़ से प्रभावित कृषकों तथा क्षति सम्बन्धी विवरण को प्रथम बार आॅनलाइन करते हुए एन0आई0सी0 के माध्यम से एक वेब बेस्ड क्षति सर्वेक्षण तथा राहत वितरण तैयार किया गया, जिसके माध्यम से कृषि निवेश अनुदान राशि डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में अन्तरित की गई। वर्ष 2020 में बाढ़ राहत हेतु जनपदों में 384 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये। प्रभावित परिवारों को 1,06,376 फूड पैकेट, 1,98,482 राशन किट तथा 3.56 लाख मीटर तिरपाल का वितरण किया गया। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 8,329 नावों का संचालन किया गया। बाढ़ प्रभावित जनपदों में 823 बाढ़ चैकियों की स्थापना कर बाढ़ की स्थिति का लगातार अनुश्रवण किया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु 328 मोबाइल मेडिकल टीमें गठित की गयीं। 662 पशु शिविरों की स्थापना की गयी है तथा अब तक लगभग 08 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति अनुदान आॅनलाइन हस्तांतरित की