वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 20 अक्टूबर। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत परिवाद में पूर्व महिला कल्याण निदेशक भवानी सिंह ने पूर्व प्रमुख सचिव, महिला कल्याण रेणुका कुमार के खिलाफ़ 17 तथा 20 मार्च 2017 को लिखे अपने 03 पत्रों में लगाये गए सभी आरोपों को पूरी तरह सही बताया है।
लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा को भेजे गए अपने जवाब में उन्होंने कहा है कि रेणुका कुमार ने डॉ मनीष सिंह तथा आनंदित शर्मा की निदेशालय में अनियमित ढंग से नियुक्ति करवाई थी। उन्होंने कहा कि रेणुका कुमार कई मामलों में फोन कर गलत भुगतान का दवाब बनाती थीं। सुश्री कुमार ने बिना खुली एवं पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाये ताज होटल के नजदीक बहुमूल्य भूमि अनियमित ढंग से एक एनजीओ को दिलाये जाने में मदद की। भवानी सिंह ने कहा कि रेणुका कुमार विभाग की ओर से जानबूझ कर मुख्यमंत्री एवं उच्चस्तर पर सम्पूर्ण तथ्य तथा सारे विकल्प नहीं रखती थीं, जिसके सही निर्णय नहीं हो पाते थे।
भवानी सिंह ने कहा कि उन्होंने अन्य कोई विकल्प नहीं होने की स्थिति में ही रेणुका कुमार के खिलाफ पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि सुश्री कुमार ने वास्तविक कार्य की जगह व्यक्तिगत प्रसिद्धि हेतु दिखावटी आधुनिकता पर अधिक बल दिया था। इससे पहले सुश्री कुमार ने अपने उत्तर में श्री सिंह द्वारा लगाये गए आरोपों को गलत बताया था तथा कहा था कि श्री सिंह के असहयोगत्मक रवैये तथा विकृत मानसिकता के कारण विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति में काफी कठिनाई आई थी।
नूतन ने कहा कि जिस प्रकार दो वरिष्ठ अधिकारी एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि महिला कल्याण विभाग में गड़बड़ी हुई थी। इस प्रकरण की जाँच लोकायुक्त के समक्ष प्रचलित है।
मुख्यमंत्री को गुमराह करती थीं रेणुका कुमार : लोकायुक्त वाद में भवानी सिंह