गांधी ने अपने विचारों को आत्मसात करते हुए खुद को देश के लिए पूर्णतया समर्पित किया - डॉ. मीनाक्षी खेमका

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 3 अक्टूबर। डॉ. मीनाक्षी खेमका, संग्रहालयाध्यक्ष, लोक कला संग्रहालय द्वारा  बताया गया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने विचारों को आत्मसात करते हुए अपने आप को देश के लिए पूर्णतया समर्पित कर दिया। उनके द्वारा देश के उत्थान के लिए किए गए समर्पण हेतु उनकी जयंती के अवसर पर प्रख्यात एवं युवा कलाकारों की कला कृतियों की ऑनलाइन वर्चुअल प्रदर्शनी के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की गई है।
      डॉ. संतोष कुमार अनल द्वारा प्रस्तुत विषय पर प्रकाश डालते हुए महात्मा गांधी की नैतिक निरपेक्षता वैचारिकता जो जीवन के सकारात्मक  परिवर्तन का परिचय परिचायक है एवं वर्तमान सभ्यता के आधुनिकीकरण और युवाओं के गांधी जी की अपेक्षा को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। गांधी जी व्यक्ति पूजा के विरोधी रहे है  और हर मोड़ पर उन्होंने नवीन मूल्यों के संरक्षण की अलख जगाई है। उनकी नैतिक निरपेक्षता उनके सिद्धांतों के साथ हमेशा खड़ी रहती है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिक निरपेक्षता का बीज हमें वेद में मिलता है साथ ही यह भी कहा कि गांधी जी ने सत्य का साक्षात्कार किया है और अहिंसा का साधन अपनाया। हमारी सभ्यता में वेद ऋषि मुनि रामायण महाभारत धर्म ग्रंथ के बीज पड़े हैं जो हमें नैतिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति सजग करते हैं। जब तक मानव में आत्मिक बल नहीं होगा तब तक वह सही अर्थों में समृद्ध नहीं होगा । अतः इन गुणों का समावेश आवश्यक है तभी मनुष्य अपनी जड़ से जुड़ा रहेगा।
      प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों से प्राख्यात कलाकार पुष्पा दुल्लर, विनय शर्मा, डॉ. जॉन डगलस, डॉ० सुनीता वर्मा, डॉ० रेखा रानी शर्मा, डॉ० विकास चंद्रा एवं युवा कलाकार ने प्रतिभाग किया है। डॉ० पुष्पा दुल्लर द्वारा गांधी जी का जीवन्त चित्र बनाया गया है। डॉ विनय शर्मा द्वारा अंधेरे से उजाले की ओर एब्सट्रेक्ट शैली में तथा डॉक्टर जाॅन डगलस द्वारा दांडी यात्रा विषय पर चित्रण किया गया है। - अशोक कुमार