वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ ८ अक्टूबर। प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धर्म सिंह सैनी द्वारा आज यहां अपने आवास पर लखनऊ विश्वविद्यालय के योग शिक्षक डाॅ0 अमरजीत यादव द्वारा लिखित पुस्तक ‘योग एवं दमा’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान ने अनुसंधान करके विभिन्न प्रकार की असरकारक औषधियों का आविष्कार किया है जो दमा के लक्षणों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में समर्थ है। किन्तु यह भी सत्य है कि आविष्कृत औषधियों द्वारा बीमारी का सम्पूर्ण इलाज सम्भव नहीं है, बल्कि कई बार तो औषधियों, विशेषकर स्टीराॅयड्स के प्रयोग के पश्चात रोगी पूर्व की अपेक्षा अधिक कमजोर तथा अस्वस्थ महसूस करने लगता है। योग चिकित्सा के माध्यम से रोगी की रोग पर नियंत्रण करने की स्वयं की क्षमता को जागृत किया जाता है। योगाभ्यास से प्राण ऊर्जा का प्रवाह शरीर में व्यापक एवं सुगम स्वरूप में होने लगता है। शरीर की स्वतः ठीक होने की क्षमता तीव्र हो जाती है।
आयुष राज्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि 21वीं शताब्दी में मनुष्य ने विकास के उच्चतम शिखर को स्पर्श कर लिया है, किन्तु व्यक्तियों में रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी आ गयी है। बढ़ता प्रदूषण एवं स्वास्थ्य के गिरते स्तर के कारण लोगों में विभिन्न प्रकार की व्याधियों का फैलाव हो रहा है। आज की प्रमुख स्वास्थ्य समस्या में दमा भी एक महत्वपूर्ण समस्या है। भारत सहित विश्व की बड़ी आबादी दमा रोग से ग्रसित है। शारीरिक अंगों के कार्यों में नियंत्रण एवं दमा के प्रबंधन में योग अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आयुष राज्यमंत्री ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि डाॅ0 यादव द्वारा लिखित यह पुस्तक दमा के रोगियों के लिए विशेष लाभप्रद सिद्व होगी। इस पुस्तक के सह लेखक प्रो0 राजेन्द्र प्रसाद एवं डाॅ0 निखिल गुप्ता हैं। : निधि वर्मा/रवि यादव
डाॅ0 धर्म सिंह सैनी ने योग शिक्षक डाॅ0 अमरजीत की पुस्तक ‘योग एवं दमा’ का विमोचन किया