तीसरी बार कौशांबी में कमल खिलाने की विनोद सोनकर पर चुनौती

कौशांबी/प्रयागराज : आजादी के बाद दो बार कौशांबी संसदीय सीट पर कमल खिला है। 2009 तक चायल के नाम से जानी जाने वाले इस लोकसभा सीट पर पहली बार कमल 1996 में खिला था। तब भाजपा के टिकट पर डॉ. अमृतलाल भारती ने चुनाव जीता। इसके बाद विनोद सोनकर ने भाजपा के टिकट पर 2014 के चुनाव में जीत दर्ज सीट भाजपा की झोली में डाली। इस तरह अगर देखा जाए तो आजादी के बाद दो बार अनुसूचित जाति बाहुल्य इस सीट पर भाजपा विजय हासिल कर सकी है। ऐसे में पार्टी ने विनोद सोनकर पर फिर दांव आजमाया है। भाजपा से उन्हें एक बार फिर प्रत्याशी बनने का मौका मिल गया है। पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने और सीट को बरकरार रखने की उन पर बड़ी चुनौती है। कौशांबी लोकसभा सीट बनने पर पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव हुए थे। तब समाजवादी पार्टी से शैलेंद्र कुमार यहां से चुनाव जीते थे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से विनोद कुमार सोनकर ने मोदी लहर में 42,900 वोटों से शैलेंद्र कुमार को हराकर जीत दर्ज की। 2014 के चुनाव में इस सीट पर 52.38 फीसद मतदान हुआ था। सपा और बसपा गठबंधन ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि कांग्रेस से गिरीश पासी उम्मीदवार हैं। अनुसूचित जाति बाहुल्य इस संसदीय सीट से सपा और बसपा गठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारने पर मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।