एक और IAS रमा रमण शासन के शिकंजे में



-अखिलेश और मायावती के चहेतों पर चुनाव पूर्व गिर रही गाज। 

वेब वार्ता/ अजय कुमार वर्मा

लखनऊ। हर चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियों के चहेते अफसरों  पर शासन का शिकंजा एक आम बात हो गई है। इस प्रकार की कार्यवाही दबाव की राजनीति के रूप में देखा जाता है। अभी पूर्व में मायावती के चहेते आईएएस नेतराम के यहां आयकर का छापा पड़ा था। और अब अखिलेश के चहेते 1987 के आईएएस रमा रमण के ऊपर ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक बिल्डर समेत पांच पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट 2 के आदेश पर दर्ज किया गया है। 

 

 बताते चलें कि रमा रमन अपर मुख्य सचिव हथकरघा के पद पर लखनऊ में नियुक्त हैं। इनके खिलाफ ग्रेनो वेस्ट के निवासी कुलदीप भाटी ने भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में शिकायत की थी। लखनऊ में रहने वाली शशी पत्नी जियालाल एवं मुक्ता मोहिनी ग्रेनो वेस्ट स्थित जमीन के केयरटेकर हैं। दावा है कि यह जमीन आबादी के रूप में दर्ज थी, और अधिग्रहण ना होने की कैटेगरी में थी। लेकिन इसे एक बिल्डर को आवंटित कर दिया गया। जब भूखंड मालिक ने आपत्ति जताई तो उसे दूसरी जगह जमीन देने के नाम पर उससे ₹20 लाख रिश्वत मांगी गई। इस मामले की जांच सीओ-1 नोएडा कर रहे हैं। 

 

रमा रमण बसपा और सपा के कार्यकाल में 4 जुलाई 2010 से 18 जुलाई 2016 तक यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना प्राधिकरण के सीईओ पद पर तैनात थे। हाई कोर्ट ने रमा रमण को एक साथ 3 पदों को संभालने पर भी आपत्ति जाहिर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने प्रदेश सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए रमा रमण से पूछा था इतनी जलालत झेलने के बाद भी वो नोएडा में क्यों बने रहना चाहते हैं ? इसके बाद अखिलेश ने उन्हें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के चेयरमैन पद से हटा दिया था।