सरकार ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बेहद संवेदनशील - डा0 नवनीत सहगल


वेब वार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
 लखनऊ 12 नवंबर। उ0प्र0 माटीकला बोर्ड द्वारा खादी भवन में आयोजित माटीकला प्रदर्शनी में आज मिट्टी के उत्पादों की भारी बिक्री हुई। सुबह से लेकर सायं 05ः00 बजे तक लगभग 10.27 लाख रुपये के उत्पाद बिक चुके है। इसके साथ प्रदर्शनी में आज तक 35.31 लाख से अधिक की खरीदारी हो चुकी है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव एवं महाप्रबन्धक, माटीकला बोर्ड, डा0 नवनीत सहगल ने आज यहां दी। उन्होंने धनतेरस के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए यह कहा कि प्रदेश सरकार स्वदेशी को बढ़ावा देने के साथ ही सुदूर ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बेहद संवेदनशील है। इसी परिप्रेक्ष्य में मिट्टी से जुड़े कारीगरों के जीवन में वांछित सुधार लाने और प्रदेश की गौरवशील पारंपरिक कला संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए जगह-जगह मेले एवं प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है।
    प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ से आये शिल्पकार भक्ति प्रसाद ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किये गये गाय के गोबर से निर्मित विभिन्न आकार के दीये की लोगों में काफी मांग रही, जिससे वे काफी उत्साहित है। इन दीयों की विशेषता यह है कि जहाँ इसका इस्तेमाल दीप जलाने में करते है, वहीं इन्हें पुनः रिसाइकिल करके खाद के रूप में इसका प्रयोग कर सकते है। इसके अतिरिक्त आजमगढ़ की ब्लैकपाॅटरी, खुर्जा के मिटट्ी निर्मित कुकर तथा कढ़ाई, श्री लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ, डिजाइनर दीये, गोरखपुर का टेराकोटा उत्पाद, पानी बोतल आदि लोगो द्वारा खूब पसन्द किये जा रहे है।- अमित यादव