वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 09 नवम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को बताया कि उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाये जाने की पृष्ठभूमि में लागू किया गया।
अधिवक्ता तथा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने इस अध्यादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र में कहा कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के 2009 के आदेश के एक पालन में पारित किया गया। इस संबंध में पहले भी वर्ष 2011, 2014, 2017 तथा 2018 में विस्तृत चर्चा हुई थी किन्तु अंतिम नतीजा नहीं निकल सका था। शपथपत्र के अनुसार अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के बाद विदेश पोषित धरना, प्रदर्शन, दंगा, हिंसा, आतंकवाद आदि की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई तथा सेना, पुलिस बल तथा सरकारी भवन एवं वाहनों को क्षति पहुंचाने की प्रवृत्ति बढ़ी. अनंतनाग में हमला, दिल्ली दंगे तथा लखनऊ में सीएए व एनआरसी बगावत इसी के उदाहरण थे। शपथपत्र के अनुसार इन्ही परिस्थितियों में राज्य की संपत्ति तथा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए यह अध्यादेश पारित किया गया। इस संबंध में अधिनियम पारित हो जाने के बाद अध्यादेश के प्रभावशून्य हो जाने के कारण हाई कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया।- Dr Nutan Thakur
हाई कोर्ट में यूपी सरकार: धारा 370 हटने पर आतंकवाद, सेना/पुलिस पर हमले बढे- डॉ नूतन ठाकुर