एसटीएफः आई0पी0एल0 ट्राफी के तीन सट्टेबाज गिरफ्तार

वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 07 नवम्बर। दिनाकः 06-11-2020 को एस0टी0एफ0, उ0प्र0 को क्रिकेट की आई0पी0एल ट्राफी के सट्टेबाज/बुकी गगनदीप सिंह रेखी उर्फ रिक्की को सट्टेबाजी में प्रयुक्त उपकरण एवं सट्टेबाजी से प्राप्त धन, अभिलेखों के साथ गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।


गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः-
गगनदीप सिंह रेखी उर्फ रिक्की पुत्र गुरदीप सिंह, निवासी 551/क 65 भिलावा चन्दरनगर, थाना आलमबाग, लखनऊ।
बरामदगीः
1- नकद रू0-4,69,000/-
2-   03 अदद मोबाइल फोन जिसका प्रयोग आन लाइन सट्टे बाजी में भाव लगाने के लिये किया जाता था।
3- 01 अदद अभिलेखों का बंडल, जिसमें सट्टे का आंकड़ा अंकित है।
4- 01 अदद डी0एल0।
5- 02 अद्द आधार कार्ड।
6- 04 अद्द मेमोरी कार्ड।
7- 03 अद्द सिम कार्ड।
      विगत काफी दिनों से एस0टी0एफ उत्तर प्रदेश को आई0पी0एल0 ट्राफी (क्रिकेट) में सट््टेबाजी करने वाले गिरोह के सक्रिय होकर सट्टेबाजी किये जाने की सूचनायें प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में पुलिस उपाधीक्षक डी0के0 शाही के पर्यवेक्षण में एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई, लखनऊ के उपनिरीक्षक सत्येन्द्र विक्रम सिंह को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।
      अभिसूचना संकलन के दौरान दिनांक-06.11.2020 को मुखबिर की सूचना से ज्ञात हुआ कि उक्त अभियुक्त आई0पी0एल0 ट्राफी के मैचों में सट्टा खिलाने का कार्य करते हुए अपने घर 551/क 65 भिलावा चन्दरनगर थाना आलमबाग लखनऊ की ओर जा रहा है। यदि शीध्रता किया जाये तो पकडा जा सकता है। इस सूचना पर विश्वास करके उपनिरीक्षक सत्येन्द्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में एस0टी0एफ0, फील्ड इकाई, लखनऊ टीम द्वारा मुखबिर के बताये हुये उक्त स्थान पर पहुॅचे। मुखबिर के इशारे पर उपरोक्त अभियुक्त को पकड़ा, गया जिसके कब्जे से उपरोक्त बरामदगी हुई।
       पूछताछ से गगनदीप सिंह रेखी ने बताया कि उसका मेन बुकी अनवर पुत्र शेर मोहम्मद नि0 सुजानपुर, थाना आलमबाग, लखनऊ है। तथा उसके पेण्टर जावेद निवासी आलमबाग, लखनऊ, मनीष जायसवाल निवासाी गोसाईगंज, लखनऊ और रिंकू निवासी बड़ा भरवारा चिनहट, लखनऊ हैं। उसके पास से बरामद मोबाइल फोन को डिब्बा फोन कहते है। इस समय यह सीधी लाइन से जुड़ा हुआ है। इसे दूरभाष से आई0पी0एल0 मैच खेल रही टीमों के भाव बताये जाते हैं। जैसे यदि डिब्बा फोन से 5052 पंजाब बोला गया तो 50 पंजाब का तथा 52 विरोधी टीम का भाव है। इस भाव पर जिस टीम का नम्बर पहले बोला जाता है वह जीताऊ टीम तथा जिसका भाव बोला जाता है, उसे लंगड़ी टीम (हारने वाली टीम) कहते हैं। सट्टे की भाषा में मेरा डिब्बा फोन को बुकी बोला जाता है। मुख्य डिब्बा फोन से उसके जैसे कई बुकी कनेक्शन लिये हुए हैं। इस कनेक्शन का पैसा हर माह अदा करना होता है। उसके जैसे बुकी से भाव जानकर पैसे का दांव लगाने वाले खिलाड़ियों को पंटर बोला जाता है। प्रत्येक पंटर खेलने के लिए बुकी के पास अग्रिम धनराशि जमा कराता है तथा कमाए गये दांव के आधार पर हुई हार जीत के आधार पर मैच के अन्त में बुकी द्वारा पंटर का हिसाब किया जाता है। जीती हुई धनराशि बुकी द्वारा पंटर को अदा की जाती है तथा हारने पर पंटर द्वारा जमा की गयी अग्रिम धनराशि बुकी द्वारा काट ली जाती है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक दांव पर बुकी को कमीशन के रूप में निर्धारित धनराशि भी मिलती है। पंटर के फोन करने पर मैच के दौरान बुकी उस डिब्बा फोन से मिले भाव बताता है। भाव सुनकर पंटर अपने दांव लगाता है। जिस फोन से पंटर से बुकी के रूप में वह बात करता है उसमें रिकार्डिंग होती है ताकि हिसाब में विवाद होने की दशा में सबूत के तौर पर सुनाया जा सके। इसके अतिरिक्त सादे कागज पर भी पंटर के नाम सहित भाव तथा उसके द्वारा दांव पर लगायी गयी धनराशि लिखी जाती है।
पूछताछ पर प्रकाश में आये अन्य अभियुक्तों के गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्त को थाना आलमबाग, कमिश्नरेट लखनऊ में दाखिल कर इन सभी के विरूद्ध मु0अ0सं0-292/2020 धारा-120बी भादवि व 13 उ0प्र0 सार्वजिनक जुआ अधि0 पंजीकृत कराया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।