विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर सभी ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने 03 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 1 अक्टूबर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,  उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज दिनांक 1 अक्टूबर 2020 को मुख्यालय  शक्तिभवन के साथ पूरे प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने अपराह्न 02 बजे से सायं 05 बजे तक 03 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया। वाराणसी एवं प्रयागराज में शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर शांतिपूर्ण मशाल जुलूस निकाल रहे बिजली कर्मियों पर नामजद *एफआईआर*  कराने की संघर्ष समिति ने घोर निन्दा की तथा प्रबंधन से एफ आई आर तत्काल वापस ली जाने की मांग की अन्यथा की स्थिति में बिजली कर्मी पूरे पूर्वांचल में काम ठप करने को बाध्य होंगे।
       संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जैसा कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजी कंपनियां कर रही हैं। निजी कंपनी निश्चित रूप से लागत से कम मूल्य पर किसी गरीब उपभोक्ता/किसान को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को, पॉवर कारपोरेशन घाटा उठाकर, कम दर पर बिजली देता है जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है।  निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली मंहगी हो जाएगी, जिस कारण गरीब किसान अपनी फसलों की सिंचाई सुचारू रूप से नहीं कर पायेगा। संयोजक श्री शैलेंद्र दुबे जी ने शक्ति भवन पर आयोजित विरोध सभा को टेलीकॉनफ़्रेंसिंग़ पर पिपरी परियोजना, सोनभद्र से सम्बोधित किया जिसमें उन्होंने निजीकरण के विरुद्ध एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू होने का तरफ़ भी साफ़ इशारा किया। आर के वर्मा उपाध्यक्ष दक्षिणांचल अभियन्ता संघ ने कहा कि मौजूदा प्रबंधन ऊर्जा क्षेत्र में सुधार वास्तविक कारणों  को ध्यान में रख कर नही करना चाहती। सिर्फ विद्युत कर्मचारियों एवं अधिकारियों को शीर्षासन कराकर कराना चाहती हैं जो सम्भव नही हैं। सभी विद्युत कर्मचारी व अधिकारीगण सुधार के लिए प्रबलता से सहमत हैं लेकिन ऊर्जा प्रबंधन ऐसे कन्सल्टेन्ट व लोगो के सलाह पर निर्देश जारी कर रहे हैं जिनका इस क्षेत्र में अनुभव ही नही हैं। मौजूदा प्रबंधन इस तर्ज पर कार्य के पक्षधर हैं कि किसी को बुखार हो तो उसके वास्तविक कारण  की दवा न दे वरन बर्फ से शरीर का तापमान ठंडा कर इलाज करना चाहती हैं। जिससे कर्मचारी व अधिकारीगण हतोत्साहित होकर सिर्फ अपने बचाव में कार्य कर रहे हैं। बिना वास्तविक कारण पे फोकस किये और आवश्यक न्यूनतम संसाधन मुहैया कराए सुधार एक मात्र कल्पना ही किया जा सकता हैं और शीर्षासन कराकर कर्मचारियों को हतोत्साहित किया जा सकता हैं। आज की सभा की अध्यक्षता  श्री पी के पाण्डेय जी वरिष्ठ सदस्य अभियन्ता संघ द्वारा की गयी।
     लखनऊ में शक्तिभवन पर हुई सभा को ए के सिंह, सुहेल आबिद, रतनदीप मौर्य, विजय गुप्ता, सी वी एस गौतम, ए एन सिंह, के के वर्मा, डी के प्रजापति, राहुल सिंह, संदीप तिवारी, सन्दीप सिंह, के के यादव, संदीप अग्रवाल, मनीष कुमार सिंह, डी डी शर्मा, जटा शंकर मिश्रा, प्रदीप वर्मा, प्रेमनाथ राय, वी सी उपाध्याय, वी के सिंह कलहंस, दीपक चक्रवर्ती, पी एन राय, ए के मिश्रा, वी के सिंह कलहंस, कुलेंद्र सिंह चौहान, सुनील कुमार यादव, वी के सिंह, आशीष कुमार, शिवम त्रिपाठी, अंकित द्विवेदी, अभिनव तिवारी, अभिषेक दुबे, श्यामवीर सिंह, अतुल कुमार मौर्य, जगदीश भारती, अमिताभ सिन्हा, सागर सिन्हा, परविंद कुमार, देवेंद्र कुमार वर्मा,नितिन कुमार शुक्ला, आलेंद्र मौर्य, अंशुमान यादव, हनुमान प्रसाद मिश्रा, पी के सिंह, पंकज पांडेय, आशीष सिन्हा, दीप प्रकाश सिंह, शरदेन्दु सागर शर्मा, संजीव वर्मा, एस एन पटेल, अजय यादव, विवेक तिवारी, दिवाकर यादव ने मुख्यतया सम्बोधित किया।