टीबी उन्मूलन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा पुनः अभियान संचालित - मंत्री जय प्रताप सिंह 

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 28 अक्टूबर। आज योजना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता एवं जनपदों से की गयी वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग में विशेष टीकाकरण अभियान और टीबी उन्मूलन को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों और योजनाओं के बारे में बुधवार को प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने विस्तार से मीडिया को जानकारी दी।
        उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान टीबी मरीजों की खोज और पहचान के लिए बराबर चलाये जा रहे अभियान पर भी असर पड़ना स्वाभाविक था, लेकिन आगामी 01 नवम्बर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू होने जा रहा है । दस दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान घर-घर जाकर टीम लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें प्रथमदृष्टया लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी । इसके साथ ही जिनमें टीबी की पुष्टि होगी उनका जल्दी से जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है, इसलिए जितना जल्दी हो सके रोगी की पहचान कर इलाज शुरू करना होता है, नहीं तो जाने-अनजाने में वह दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है।  
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 29 जनपदों अम्बेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, संत कबीर नगर एवं लखनऊ में 01 नवम्बर से 11 नवम्बर के बीच दस दिवसीय सघन खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान चलाया जाएगा । इसके तहत जिलों में अत्यधिक संवेदनशील आबादी में संभावित टीबी मरीजों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।
              उन्होंने कार्यशाला में बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 18 साल से कम उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लेने की अपील पर विभिन्न संस्थाओं और अधिकारियों द्वारा करीब 12,000 बच्चों को गोद लिया गया है। इसके चलते इन बच्चों को बेहतर इलाज, देखभाल और पुष्टाहार के साथ परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग भी मिल रहा है । उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण किये गए लाकडाउन के दौरान नेपाल से आये एक रोगी, अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आये 493 क्षय रोगियों और प्रदेश के 649 उन मरीजों को जो अन्य जिलों में पहुंचे थे, उनको समय से क्षय निरोधी औषधि मुहैया कराई गयी । इसके अलावा इस दौरान प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों से दूरभाष के जरिये संपर्क कर दवा उपलब्ध करायी गयी ।    
            टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना के बारे में उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है, इसमें  वर्ष 2018 में 66,20,81,000 रूपये, वर्ष 2019 में 72,61,89,000 रूपये और जनवरी 2020 से अब तक 21,78,53,000 रूपये का भुगतान किया गया है । यह भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है। जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इन्डियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में बच्चों में विभिन्न संक्रमणों को रोकने एवं अनेक जानलेवा बीमारियों एवं बाल-मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान आगामी तीन माह (नवम्बर, दिसम्बर 2020 एवं जनवरी 2021) में समस्त जनपदों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में प्रत्येक सप्ताह में बुद्धवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाले नियमित सत्रों के साथ-साथ एक अतिरिक्त दिवस ‘‘सोमवार‘‘ को भी टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार अन्य दिवसों में अतिरिक्त सत्रों का भी प्रावधान भी किया गया है।
             कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अमित मोहन प्रसाद एवं महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, डा0 डी0एस0 नेगी और मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 अपर्णा उपाध्याय सहित विभाग के विशिष्ट अधिकारी उपस्थिति रहे।: सूचना अधिकारी: डा0 सीमा गुप्ता