पुलिस स्मृति दिवस- 2020 पर विशेष 

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 20 अक्टूबर। जनसेवा का उच्च आदर्श हृदयंगम किये अनेकों पुलिसजन प्रति वर्ष कर्तव्यपथ का अनुगमन करते हुए वीरगति को प्राप्त होते रहे हैं। पुलिस जनों के कार्य की प्रकृति ही कुछ ऐसी है कि इसमें कदम-कदम पर जोखिम व जीवनभय सन्निहित है यही कारण है कि प्रतिवर्ष अपने कार्यों को अंजाम देने की प्रक्रिया में पुलिस कर्मी बड़ी संख्या में कर्तव्य की बलिवेदी पर अपनी प्राणाहुतियाॅ देते रहे हैं। अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए जन सेवा के उच्च आदर्श की प्राप्ति में मर-मिटने से भी गुरेज न करने वाले ये पुलिस जन मर कर भी अमर हो जाते हैं। इनकी कीर्ति व यशोगाथा समय के साथ क्षरित नहीं होती, अपितु अविरल अनुप्राणित करती रहती है। पुलिस की भावी संततियों को उसी पथ पर द्विगुणित साहस व मनोयोग से आगे बढ़ने के लिये ऐसी एक गाथा आज से इकसठ वर्ष पुरानी है। 
        भारत की उत्तरी सीमा, लद्दाख का जनहीन क्षेत्र 15,000 फिट से ऊॅचे बर्फ से ढके पर्वतों, दर्रों के बीच जहाॅ कि सामान्य नागरिक सुविधाओं के उपलब्ध होने की कल्पना तक नहीं की जा सकती, वहाॅ सदैव की भाॅति उस दिन भी देश की सीमा के सजग प्रहरी ‘‘केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल’’ के जवान अपने नियमित गश्त पर निकले थे। गश्त के दौरान अचानक उन्हें लगा कि वे शत्रु से घिर चुके हैं। चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक हमारे क्षेत्र में आकर हमारे ही सिपाहियों को पकड़ने के लिये एम्बुश लगाया था। चीनियों ने दावा किया कि वह क्षेत्र उनका है पर भारतीय पुलिस के जवान, जो कि अपने परिजनों को छोड़ सुख-सुविधा से दूर उस निर्जन क्षेत्र में मातृभूमि की रक्षा का प्रण लेकर आये थे, अपनी मातृभूति का एक इंच टुकड़ा भी शत्रु को कैसे सौंप देते। प्राण देकर भी मातृभूमि की रक्षा करने की भारतीय बहादुरों की परम्परा पर उन्होंने आंच नहीं आने दी तथा साधारण शस्त्रों के सहारे ही ये जवान स्वचालित रायफलों व मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों से भिड़ गये। इस प्रकार भारतीय पुलिस के दस बहादुर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। 
        21 अक्टूबर 1959 का यह दिन हमारे जवानों की प्रेरणा का एक अनन्य श्रोत बन गया। मातृभूमि की रक्षा के लिये प्राणों का भी उत्सर्ग कर देने वाले बहादुरों का बलिदान सदैव हमें अपने कर्तव्यों के प्रति दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है। इन्हीं वीर जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को सम्पूर्ण भारत के पुलिस जन वीरगति को प्राप्त हुए अपने साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ‘‘शत्-शत् नमन्’’ उन बहादुरों को जिनके लिये कर्तव्य पालन प्राणों से भी अधिक प्रिय रहा।
            दिनांक 01 सितम्बर, 2019 से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि में सम्पूर्ण भारत में कुल 264 पुलिसजनों द्वारा कर्तव्य की वेदी पर अपनी जीवनाहुतियाॅ ने दी गयी हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के 09 पुलिसजन भी सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश के समस्त पुलिस इन महान कर्तव्यपालन व अप्रतिम बलिदान की सराहना में नतमस्तक हैं और अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
             दिनाॅकः01.09.2019 से 31.08.2020 तक की अवधि में कर्तव्य पथ पर वीरगति प्राप्त 09 पुलिस कर्मियों की शौर्य गाथाएं
1-स्व0 देवेन्द्र मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, जनपद -कानपुर नगर
2-स्व0 अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस-152412690 जनपद-कानपुर नगर
3-स्व0 महेश कुमार यादव, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस-942730052 जनपद-कानपुर नगर
4-स्व0 नेबूलाल, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस-902690590 जनपद-कानपुर नगर
5-स्व0 जितेन्द्र कुमार पाल, आरक्षी नागरिक पुलिस-182412093 जनपद-कानपुर नगर
6-स्व0 सुल्तान सिंह, आरक्षी नागरिक पुलिस-062293600 जनपद-कानपुर नगर
7-स्व0 राहुल कुमार, आरक्षी नागरिक पुलिस-162291764 जनपद कानपुर नगर
8-स्व0 बबलू कुमार, आरक्षी नागरिक पुलिस-182417001 जनपद-कानपुर नगर
9-स्व0 जितेन्द्र कुमार मौर्य, मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस-912920162, 
        दिनाॅकः 2/3.07.2020 की रात्रि में क्षेत्राधिकारी बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव, थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी, थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य पुलिसजनों की संयुक्त टीम थाना चौबेपुर में पंजीकृत मु0अ0सं0-191/2020 धारा 147/ 148/ 504/ 323/ 364/ 342/ 307 भादवि व 7 सीएलए एक्ट बनाम विकास दूबे पुत्र रामकुमार, निवासी-बिकरू, पोस्ट-दिलीप नगर, थाना चौबेपुर, जनपद कानपुर नगर, 2- सुनील कुमार पुत्र अशोक कुमार, 3-बालगोविन्द पुत्र मेवालाल, 4-शिवम् दुबे पुत्र बालगोविन्द, 5-अमर दुबे पुत्र अज्ञात के विरूद्ध कार्यवाही हेतु गाॅव बिकरू गयी थी। इन अपराधियों ने अपने अन्य साथियों के साथ पुलिस टीम को घेर कर अपने घरों की छतों से जान से मारने की नियत से फायरिंग शुरू कर दी गयी। इस फायरिंग में देवेन्द्र मिश्रा क्षेत्राधिकारी सहित 08 पुलिसजनों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेन्द्र प्रताप सिंह सहित 06 पुलिसजन गम्भीर रूप से घायल हो गये। इन अपराधियों ने पुलिस के असलहे ए0के0-47 रायफल-1, इंसास रायफल-1, ग्लाक पिस्टल-1, 09 एम0एम0पिस्टल-02 भी लूट लिये। इस घटना में  देवेन्द्र मिश्र, क्षेत्राधिकारी बिल्हौर, महेश कुमार यादव उप निरीक्षक थानाध्यक्ष-शिवराजपुर, अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक चैकी इंचार्ज मन्धना थाना बिठूर, नेबूलाल उप निरीक्षक थाना शिवराजपुर, जितेन्द्र पाल आरक्षी ना0पु0 थाना बिठूर, सुल्तान सिंह आरक्षी ना0पु0 थाना चौबेपुर, बब्लू कुमार आरक्षी ना0पु0 थाना बिठूर एवं राहुल कुमार आरक्षी ना0पु0 थाना बिठूर वीरगति को प्राप्त हो गये। 
         इस प्रकार देवेन्द्र मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक, महेश कुमार यादव उप निरीक्षक, अनूप कुमार सिंह उप निरीक्षक, नेबूलाल उप निरीक्षक, जितेन्द्र पाल आरक्षी ना0पु0, सुल्तान सिंह आरक्षी ना0पु0, बबलू कुमार आरक्षी ना0पु0 एवं राहुल कुमार आरक्षी ना0पु0 द्वारा कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी गयी। दिनाॅक 01.10.2019 को चीता मोबाइल ड्यिूटी में नियुक्त मुख्य आरक्षी जितेन्द्र कुमार मौर्य राजकीय कार्य हेतु थाना क्षेत्र में रवाना थे। ग्राम खेरौना स्थित प्राथमिक पाठशाला के पास जैसे ही पहुॅचे, वहाॅ पर दो पुरूष व एक महिला अपने अपने हाथों में बाका(धारदार हथियार) लिये खड़े थे। इस सम्बन्ध में मुख्य आरक्षी ना0पु0 जितेन्द्र कुमार मौर्य व साथी आरक्षी द्वारा पूछने पर अचानक इन लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में आरक्षी दाहिने कन्धे, भुजा, कोहनी तथा बाये हाथ के कन्धे, अंगूठे तथा गर्दन पर गम्भीर चोटें आयी । मुख्य आरक्षी जितेन्द्र कुमार मौर्य के सिर पर व शरीर में बाके से जोरदार प्रहार के कारण गम्भीर चोटें आई, जिससे वह लहूलुहान होकर बेहोश हो गये। दोनो घायलों को उपचार हेतु सी0एच0सी0 अमेठी लाया गया जहां चिकित्सक द्वारा आरक्षी रामबाबू को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। मुख्य आरक्षी जितेन्द्र कुमार मौर्य की गम्भीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय सुल्तानपुर रेफर कर दिया गया, जहाॅ से चिकित्सकों द्वारा दिनाॅक 01.10.2019 को ट्रामा सेन्टर लखनऊ रेफर किया गया। दिनाॅक 03.10.2019 को इलाज के दौरान समय 15.30 बजे इनकी मृत्यु हो गयी।
         इस प्रकार जितेन्द्र कुमार मौर्य, मुख्य आरक्षी ना0पु0 द्वारा अदम्य साहस का परिचय देते हुए कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी गयी।