क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज ने ठंड की दस्तक के साथ ही विशेष जांच अभियान चलाने को कहा

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
तमकुही/कुशीनगर 30 अक्टूबर। ठंड की दस्तक के साथ ही वारदातों को अंजाम देने वाले कई गिरोह भी सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज ने पुलिस से सतर्क रहने और विशेष जांच अभियान चलाने के साथ रात्रि गश्त बढाने को कहा है। 
          बावरिया व कच्छा बनियान गिरोह के बदमाश दिवाली के त्योहार से ही वारदात को अंजाम देना शुरू करते हैं। इसे देखते हुए क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज ने अपने क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों को यह दिशा-निर्देश जारी किया है। जानकारी के मुताबिक, पूर्व में  बावरिया व कच्छा बनियान गिरोह के बदमाशों ने कई दुस्साहसिक घटनाओं को अंजाम दिया है। बावरिया गिरोह के सदस्य दिवाली की रात से लेकर होलिका दहन तक अलग-अलग जगहों पर जाकर वारदातों को अंजाम देते हैं। आमतौर पर ये लूट व डकैती के दौरान घर में मौजूद सदस्यों की हत्या तक भी कर देते हैं या उन्हें गंभीर रूप से घायल कर देते हैं। ऐसे में क्षेत्राधिकारी ने पुलिस को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने पुलिस को रात्रि में गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया है। इस तरह के लोग डेरा डालकर रहते हैं और खिलौने, कागज के फूल आदि बेचने के बहाने कॉलोनियों, गावो में जाकर पहले रेकी करते हैं और फिर घटनाओं को अंजाम देते हैं। लिहाजा खिलौने बेचने वाले, भिखारियों और घुमंतू लोगों की विशेष तलाशी ली जाए। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, बावरिया गिरोह के बदमाश पहले शहर के बाहरी इलाकों में डेरा डालते हैं। गिरोह की महिलाएं खिलौने, कागज के फूल आदि बेचने के बहाने टोलियों में अलग-अलग इलाकों में जाकर रेकी करती हैं। लक्ष्य चिन्हित करने के बाद डकैती डालने से पहले लोहे की सरिया और अपने विशेष नुकीले औजारों की पूजा करते हैं। रात के दो बजे के आसपास महिला सदस्यों के साथ गिरोह के पुरूष सदस्य निकलते हैं। चिन्हित मकान के पास से पेड़ की हरी डाल तोड़ते हैं। घर में दाखिल होते ही सो रहे लोगों के चेहरे पर टार्च की रोशनी डालते हैं और सिर पर प्रहार कर हत्या करते हैं। ये इतने क्रूर होते हैं कि छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ते हैं। एक जिले में एक घटना को अंजाम देकर दूसरे जिलों में चले जाते हैं। बावरिया गिरोह के सदस्य यदि किसी मकान को निशाना बनाते हैं तो वहां बिना खून बहाए वापस नहीं आते हैं। खून गिराना ये अपने लिए शुभ मानते हैं। इनसे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है जैसे अगर फेरी वालों से सामान खरीद रहे हैं तो उन्हें घर के अंदर ना आने दें। भीख मांगने वाली महिलाओं व बच्चों से सतर्क रहें। पड़ोसियों व रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर अपने पास रखें ताकि जरूरत पर काम आ सके। कोई आवाज होने पर हड़बड़ी में दरवाजा न खोलें। संदेह होने पर घर के अंदर व बाहर की लाइट जला दें और तत्काल पड़ोसी, रिश्तेदार व पुलिस को सूचना दें। इस सम्बंध में  क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज फूलचंद का कहना है कि वैसे तो पुलिस हमेशा सतर्क रहती है, लेकिन ठंड को देखते हुए पुलिस को और सतर्कता बरतने को कहा गया है। रात्रि गश्त बढ़ाने तथा थानेदारो को रात के समय भ्रमणशील रहने को कहा गया है।