एम0एस0एम0ई एवं विश्व बैंक के बीच सहयोग की सम्भावना हेतु नवनीत सहगल एवं विश्व बैंक के प्रतिनिधि की मुलाकात

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 8 अक्टूबर। अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग डा0 नवनीत सहगल एवं विश्व बैंक के प्रतिनिधिके बीच निर्यात प्रोत्साहन भवन में मुलाकात हुई। मुलाकात का उद्देश्य एम0एस0एम0ई एवं विश्व बैंक के बीच सहयोग की सम्भावनाए तलाशना था ।
      सर्वप्रथम डा0 सहगल ने ओडीओपी कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में विश्व बैंक के प्रतिनिधिओं को जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश कहा कि 41,000 से अधिक ओडीओपी कारीगरों को प्रशिक्षित किया एवं लगभग 40,000 कारीगरों को टूलकिट दिये गये। उन्होंने कहा कि 3,000 ओडीओपी इकाईयों को 100 करोड़ से अधिक का बैंक लोन केवल ओडीओपी मार्जिन मनी स्कीम के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। अन्य सरकारी योजनओं के माध्यम से भी ओडीओपी इकाईयों को बैंक द्वारा लोन दिलाया गया। उन्होंने कहा कि 13 सामान्य सुविधा केन्द्रों का शिलान्यास किया हो चुका है और 20,000 से अधिक ओडीओपी उत्पादों को ऑनलाइन सेल्स प्लेटफार्म से जोड़ा गया है।  
      विश्व बैंक के प्रतिनिधिओं ने ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार के साथ दो कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य करने की इच्छा जाहिर की। ओडीओपी से जुड़े 14 कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के इकोसिस्टम को न्जजंत च्तंकमेी डनसजप.ैमबजवतंस म्बवदवउपब म्बवेलेजमउ क्मअमसवचउमदज ;न्डम्म्क्द्ध चतवहतंउउम के माध्यम से विकसित करने का सुझाव दिया गया जिसका उद्देश्य एकीकृत क्लस्टर विकास दृष्टिकोण के माध्यमसे उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। अन्य ओडीओपी एवं एमएसएमई उत्पादों के इकोसिस्टम को केंद्र सरकार और वर्ल्ड बैंक द्वारा प्रस्तिव क्लस्टर विकास कार्यक्रम के माध्यम से विकसित करने का सुझाव दिया गया।
      डा0 सहगल ने विश्व बैंक द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की व इस चर्चा को मूर्त रूप देने के लिए उनसे प्रस्ताव उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने विश्व बैंक के प्रतिनिधि को इस दिशा में तीव्रता से कार्य करने को कहा जिससे की विश्व बैंक के कार्यक्रमों का लाभ उत्तर प्रदेश के उद्यमियों को शीघ्र दिया जा सके । : अमित यादव