वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 24 सितम्बर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आगामी 25 सितम्बर 2020 को समाजवादी पार्टी सभी जनपदों में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौपेगी।
किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औनेपौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा। गेहूं, धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी। समाजवादी पार्टी किसानों की आवाज दबने नहीं देगी।
संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे। अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति छंटनी का अधिकार नहीं था, नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे। उद्योगपति के वे बंधुआ मजदूर रह जाएंगे।
भाजपा सरकार के प्रति इन जनविरोधी कानूनों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार श्रमिकों को रोजगार तो दे नहीं पा रही है, उल्टे उनको पूंजी घरानों की दया पर आश्रित बनाने की साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी इन साजिशों का पुरजोर विरोध करेगी।
सपा प्रदेश स्तर पर कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध करेगी - अखिलेश यादव