कानपुर नगर में सिंचाई विभाग के विधनू निरीक्षण भवन की भूमि नेयवली उ0प्र0 पावर लि० को हस्तान्तरित

वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 21 सितम्बर। सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर में सिंचाई विभाग के विधनू निरीक्षण भवन की भूमि, खड़े वृक्ष तथा डाक बंगला एवं निष्प्रयोज्य आवासों को घाटमपुर तापीय विद्युत परियोजना हेतु समूल्य भारत सरकार के संयुक्त उपक्रम नेयवली उ0प्र0 पावर लि0, घाटमपुर, कानपुर नगर को हस्तान्तरित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
       इस प्रकरण के सम्बन्ध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जलसंसाधन, मो0 शाहिद की ओर से 17 सितम्बर, 2020 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव स्तरीय समिति की 08 अक्टूबर 2018 को सम्पन्न हुई बैठक में की गयी संस्तुति के आधार पर राज्य सरकार ने ग्राम खेरसा, तहसील कानपुर सदर स्थित सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग उ0प्र0 की 1.50 हेक्टेयर भूमि शासनादेश के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा जारी एवं वर्तमान में प्रभावी सर्किल रेट 3700 रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से आंकलित भूमि का मूल्य 11,10,00,000.00 भूमि पर स्थित वृक्षों का वन विभाग द्वारा आंकलित मूल्य 2,69,853.00 एवं डाक बंग्ला/निष्प्रयोज्य आवास का आंकलित हृास मूल्य 5,76,756.00 इस प्रकार कुल मूल्य 11,18,46,609.00 (11 करोड़, 18 लाख, 46 हजार 609 रूपये) भुगतान किये जाने के बाद नेयवली उ0प्र0 पावर लि0, घाटमपुर, कानपुर नगर कतिपय शर्तों के साथ हस्तानान्तरित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
शर्तों में कहा गया है कि भूमि से सम्बन्धित राजस्व अभिलेखों की भली-भांति पुष्टि कर ली जाये। इसके साथ ही वन्य भूमि के गैर-वानिकी प्रयोग हेतु वन संरक्षण अधिनियम-1980 के अन्तर्गत भारत सरकार से पूर्वानुमति भी आवश्यक रूप से प्राप्त कर ली जाये। इसके अलावा यदि यह भूमि वन्य जीव विहार/राष्ट्रीय पार्क में अवस्थित पायी जाती है तो राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड नई दिल्ली के साथ-साथ मा0 सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके अतिरिक्त यदि यह क्षेत्र वन्य जीव विहार/ राष्ट्रीय पार्क की सीमा से 10 किमी0 के अन्तर्गत स्थित हो तो राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड नई दिल्ली से भी अनुमति प्राप्त करनी होगी। गैर वन भूमि/कृषि भूमि पर खड़े वृक्षों के पातन हेतु वृक्ष संरक्षण अधिनियम-1976 के अन्तर्गत प्रभागीय वनाधिकारी से पातन की अनुमति प्राप्त करनी होगी।
शासनादेश में इन शर्तों के अनुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इन आदेशों के पालन का पूरा दायित्व प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ एवं मुख्य अभियन्ता रामगंगा सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग उ0प्र0 कानपुर का होगा।
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