ए0सी0पी0  क्राइम अनिल कुमार ने चेतना संस्था-एचसीएल फाउंडेशन के द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराया 


 जे 0 जे 0 एक्ट के तहत किसी भी बालक या किशोर को हथकड़ी नहीं लगानी है। (नियम 43) 
 किसी किशोर या बालक को 24 घंटे के अंदर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाये। 
 प्रत्येक किशोर या बालक की शोसल बैकग्राउंड रिपोर्ट तैयार करनी है।
वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 14 सितम्बर। आज चेतना संस्था-एचसीएल फाउंडेशन द्वारा विशेष किशोर पुलिस इकाई लखनऊ के सहयोग से ज़ूम एप्प पर किशोर न्याय तंत्र पर एक पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला  में  विशेष किशोर पुलिस इकाई लखनऊ  के सभी थानों के बाल कल्याण  पुलिस अधिकारी ,विशेष किशोर पुलिस इकाई लखनऊ के नोडल अनिल कुमार ए0सी0पी0  क्राइम लखनऊ, विशेष किशोर पुलिस इकाई लखनऊ इंचार्ज बी0 के0 यादव, बाल कल्याण समिति से श्रीमती संगीता शर्मा, जिला बाल सरक्षण इकाई से असमा जुबेर और स्वयं सेवी संस्थाओ के प्रतिनिधि  उपस्थित रहे।
     कार्यशाला की शुरुआत चेतना संस्था के स्टेट एडवोकेसी कॉर्डिनेटर राजेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया व् उनका परिचय करवाया और इस कार्यशाला का संचालन किया ।
इस कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए चेतना संस्था के एडवोकेसी भूपेंद्र शांडिल्य ने सभी प्रतिभागियों को बताया की आज यह कार्यशाला बाल संरक्षण हेतु आयोजित की गयी है, उन्होंने कहा कि बच्चो की आज कोविड 19  के आने से बच्चो के साथ बढ़ रहे अपराधों के चलते हम सब की यह जिम्मेदारी बनती है की हम इन मासूमो को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सके और इन्हे शोषण व् अत्याचार से बचाये और इसके लिए हम सभी को किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जानना बहुत आवश्यक है।
      भूपेंद्र ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POSCO ) अधिनियम 2012 और किशोर न्याय (बच्चों  की देखभाल एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015  के माध्यम से बल श्रेणियों के बारे में बताया।  इसके बाद किशोर न्याय तंत्र के तहत आने वाली मुख्य धाराओ पर प्रकाश डालते हुए सभी प्रतिभागियों को बताया की अगर शहर में ऐसे बच्चो की संख्या अधिक है ,जिन्हे देखरेख व् संरक्षण की आवश्यकता है और जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया है इसके लिए किशोर न्याय अधिनियम में सम्मिलित सभी पक्षों जिसमे बाल कल्याण समितियों किशोर न्याय बोर्ड विशेष किशोर पुलिस इकाई सरकारी बाल ग्रहो एवं सामाजिक संगठनो को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा क्योकि किशोर न्याय अधिनियम "बालहित  सर्वोंपरि" है।
     विशेष किशोर पुलिस इकाई लखनऊ के नोडल अनिल कुमार ए० सी० पी० क्राइम लखनऊ ने इस कार्यशाला में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज बच्चों के साथ होने वाले सभी अपराध निंदनीय है यह न सिर्फ हमारी कानूनी बल्कि नैतिक जिम्मेदारी है की इसके लिए मिल कर काम करे आज यदि कोई बच्चा किसी होटल ,ढाबे या कहीं भी काम करता मिले तो तुरंत करवाई करे और इसके लिए  अनेको स्वयं सेवी संस्थाओ की मदद ले कर उन्हें समाज की मुख्य धारा  से जोड़ा जा सकता है मै  लखनऊ के सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियो का उत्साह वर्धन करता हूँ जो बालहित  को सर्वोपरि रखते हुए पहल करते  है।
     बाल कल्याण समिति से डॉ० संगीता शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को किशोर न्याय तंत्र के मूल सिद्धांतो पैर विस्तार से चर्चा की आई सी पी एस की जानकारी दी और कहा आई सी पी एस के तहत जिन बच्चो को देखभाल व् संरक्षण की जरूरत है उनके लिए फोस्टर केयर बनाये गए है जंहा पर  उनकी देखभाल की जाती है। अंत में जिला परियोजना समन्वयक कुमारी मीनाक्षी भंडारी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन दिया।