चेतना संस्था-एचसीएल फाउंडेशन द्वारा किशोर न्याय तंत्र पर पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित 


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
गौतमबुद्ध नगर 21 सितम्बर। चेतना संस्था-एचसीएल फाउंडेशन द्वारा विशेष किशोर पुलिस इकाई गौतमबुद्ध नगर के सहयोग से ज़ूम एप्प पर किशोर न्याय तंत्र पर पुलिस प्रशिक्षण कार्यशाला एवमं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विशेष किशोर पुलिस इकाई गौतमबुद्ध नगर के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और विशेष किशोर पुलिस इकाई गौतमबुद्ध नगर की नोडल श्रीमती वृंदा शुक्ल डी0 सी0 पी0 (महिला एवमं बाल सुरक्षा), विशेष किशोर पुलिस इकाई गौतमबुद्ध नगर इंचार्ज देवेंद्र सिंह, बाल कल्याण समिति से श्रीमती आदेश रानी एवं कमल दत्ता, मेंबर ऑफ जुविनाइल जस्टिस बोर्ड अनीत बघेल, जिला बाल सरक्षण इकाई से अतुल सोनी एवं जितेंद्र मौर्य, जिला स्वास्थ विभाग से अभिषेक त्रिपाठी, सुशील कुमार सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सुधीर कुमार श्रम विभाग गौतमबुद्ध नगर, संजय गुप्ता निर्देशक चेतना संस्था, सत्यप्रकाश चाइल्डलाइन, गौतमबुद्ध नगर और अन्य स्वयं सेवी संस्थाओ के लगभग 60 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।



     कार्यशाला की शुरुआत चेतना संस्था के एडवोकेसी हेड भूपेंद्र शांडिल्य ने सभी उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत एवं परिचय के साथ कार्यशाला का संचालन किया। इसके साथ ही श्रीमती वृंदा शुक्ला ने नोएडा में चेतना - एचसीएल फाउंडेशन के कार्यो की सराहना करते हुए एक बच्चे से जुड़े हुए मामले को सभी के समक्ष रखते हुए बताया कि चेतना संस्था के कार्यकर्ता की मदद से पुलिस उस बच्ची को उनके माता पिता से मिलवा सकी। इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण में बच्चों के अंतर्गत कानूनी और व्यवहारिक दोनो समस्याओं को खुलकर बात करने को कहा। तत्पश्चात संजय गुप्ता ने कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए कहा कि कोरोना के समय बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण दोनो ही बहुत जरूरी तथ्य है, जिसके लिए इस कार्यशाला एवमं परिचर्चा में सभी सरकारी एवं गैर सरकारी हितधारकों को बाल सुरक्षा एवं संरक्षण का निश्चय लेना ही पड़ेगा। जे0जे0बी0 मेंबर अनीत बघेल ने कहा कि पुलिस प्रशासन लॉ और आर्डर के मामलों में बहुत ही सहरानीय कार्य कर रही है। परंतु बच्चों के मामलों में थोड़ी चूक हो जाती है। जैसे बच्चों को जे जे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करते वक़्त पुलिस का उनके यूनिफार्म में ही होना या बच्चों से सम्बंधित मामलों को देर से सूचित करना जैसे अन्य बहुत ही छोटी छोटी गलतियां होती है। इसके साथ ही उन्होंने सभी बाल कल्याण अधिकारी एवमं सहायक अधिकारी को निर्देश दिया कि जे0जे0बी0 बोर्ड के समक्ष किसी भी बच्चें को पेश करने से पहले सोशल बैकग्राउंड रिपोर्ट (यस0बी0आर ) जरूर बनाये और उसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी को जरूर भेजे ताकि पुलिस की सहायता हो सके। 
      गौतमबुद्ध नगर चाइल्डलाइन, निर्देशक सत्यप्रकाश ने बताया कि जे0 जे0 अधिनियम के अंतर्गत प्रमुख सिद्धांतो को बताया गया है अगर सभी पुलिसकर्मी उन सिंद्धान्तों सही से पढ़ एवमं समझकर कर कार्यो को करे तो बाल संरक्षण व सुरक्षा में कोई चूक नही हो सकती है। इन सभी बातों को रखते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी अतुल सोनी ने बताया कि कोरोना माहमारी के समय बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर नोएडा में तीन पर्यवेक्षण सेंटर की व्यवस्था की गई थी ताकि नए बच्चों नए जगह पर क्वारंटाइन करके पुराने बच्चों से दूर रख सके। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती आदेश रानी ने कहा कि पुलिस बहुत ही सहरानीय कार्य कर रही है परंतु बच्चों के साथ थोड़ी संवेदनशीलता के साथ काम करने का निवेदन किया ताकि जनपद में बाल हित मे एक बेहतरीन काम किया जा सकता है। 
      कार्यशाला में बच्चों के मेडिकल जांच को लेकर भी कई समस्यों के बारे में चर्चा हुई, जिसपर जिला स्वास्थ विभाग के डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने सभी के प्रश्नो का उत्तर देते हुए कहा कि बच्चों के मामले में प्राथमिकता रहेंगी और कोरोना टेस्ट लगभग 3 घंटे में पॉजिटिव व नेगेटिव आने के उपरान्त ही बच्चें की रिपोर्ट सौंपी जी जाएगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सुशील कुमार ने बताया कि पैरा लीगल वालंटियर और पैनल एडवोकेट का उपयोग बाल संरक्षण के लिए किया जा सकते है और बच्चों को निःशुल्क सेवा व प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है। जिसके लिए उन्होंने सभी संबंधित थानों में पैरा लीगल वालंटियर की सूची भी भेजने के लिए कहा।
      कार्यशाला के अंत मे श्रीमती वृंदा शुक्ल डी0 सी0 पी0 ने कहा कि बाल हित, सुरक्षा और संरक्षण के लिए केवल पुलिस विभाग ही नही अपितु सभी संबंधित विभाग को संवेदनशील होने की आवश्यकता है ताकि हम सभी मिलकर गौतमबुद्ध नगर को बाल संरक्षित जनपद बना सकते है। इसके साथ ही उन्होंने हर माह विशेष बाल पुलिस इकाई एवं एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के साथ संबंधित विभागों के बैठक करने का निर्णय लिया ताकि बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाये। सभी परिचर्चा को विराम करते हुए संजय गुप्ता ने ये अस्वासन दिया कि सम्बन्धित जानकारी एवमं निर्देशानुसार गौतमबुद्ध नगर जनपद के समस्त थानों में ऑब्जरवेशन होम व शेल्टर होम की जानकारी स्थान और नंबर के साथ, बाल संरक्षण पर काम कर रहे संस्था की जानकारी तथा बाल संरक्षण संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। 
      अंत में जिला परियोजना समन्वयक श्रीमती इरम नाज़ ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन दिया।