महाकालेश्वर मंदिर के बगल खुला देसी व अंग्रेजी मधुशाला व मांसाहारी होटल, नागरिकों में रोष


वेब वार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 26 अगस्त। समय के बदलते दौर में अब पूजा घर, शराब और कबाब का तालमेल बनता जा रहा है। कहने को तो भाजपा की सरकार है, जिनकी कार्यपद्धती आम जनमानस से जुड़ी हुई है, लेकिन धरातल पर कुछ और ही है।



     वाक्या कुछ ऐसा है कि महानगर थाना क्षेत्र में रहीम नगर चौराहे से खुर्रम नगर को जाने वाली सड़क पर एकमात्र पेट्रोल पंप से पहले महाकालेश्वर मंदिर है जहां निरंतर पूजा पाठ और समय-समय पर भंडारा आदि भी होता रहता है। अब देखने वाली बात यह है कि मंदिर के ठीक सामने मांसाहार की एक बहुत बड़ा होटल टुंडे कबाबी के नाम से खुला हुआ है। मंदिर के बाएं हाथ मात्र 15 मीटर के अंदर अंग्रेजी शराब की दुकान/माडल शाप भी खुली हुई है और अभी शीघ्र ही देसी शराब की दुकान मंदिर के मात्र 6 मीटर बगल देसी शराब की सरकारी दुकान भी खुल गई है।



       अब प्रश्न यह है की सरकार या तो जन भावनाओं से खेलते हुए राजस्व में वृद्धि कर ले या जन भावनाओं का आदर करते हुए मंदिर की गरिमा को बरकरार रखें।
यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आए दिन लोग अंग्रेजी शराब की दुकान से शराब खरीदते हैं और मांसाहारी होटल पर खाना खाकर बवाल और मारपीट करते हैं। जिससे यहां रहने वालों में काफी रोष व्याप्त है। और अब तो मंदिर के बगल देसी शराब की भी दुकान खुल गई। जिससे निम्न आय वर्ग के लोगों का भी जमावड़ा होने लगा है। जिससे क्षेत्र का माहौल अत्यंत खराब हो रहा है।
     स्थानीय सभासद हरिश्चंद्र जोकि भारतीय जनता पार्टी के बैनर से चुनाव जीते थे, का कहना है कि यह शराब के ठेके और मांसाहारी होटल मंदिर के बगल खुलने से क्षेत्र के हिन्दूओं की जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है, क्षेत्र में काफी असंतोष है। जहां एक तरफ मंदिर में जब पूजा पाठ होती है, वहीं दूसरी तरफ शराब के ठेकों से शराब की बदबू, और होटल से उड़ती हुई मांस की दुर्गंध भक्तों को काफी विचलित कर देती है। सरकार से हमारा निवेदन है की मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर यह ठेके हो जिससे कानून का भी उल्लंघन ना हो।
        स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अभी तक हम लोग मांसाहारी होटल से से ही परेशान थे क्योंकि इसकी दुर्गंध पूरे क्षेत्र में फैली रहती है जिससे पूजा पाठ करने में अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। फिर साथ में खुल गई अंग्रेजी अंग्रेजी शराब की दुकान और अब देसी शराब की दुकान भी खुल गई है। जिनके कारण हमारे घरों की बहू बेटियों और बच्चों का निकलना दूभर हो गया है। आखिर सरकार कब ध्यान देगी और यह मांसाहारी होटल और दोनों शराब की दुकानों को कब हटवाएगी।l