बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल हो - आयुक्त संजय गोयल


वेब वार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 26 अगस्त। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने समस्त जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाए तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं, उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाए। बाढ़ शरणालय में रह रहे लोगों के लिए सोशल डिस्टेसिंग के उचित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ ही भोजन आदि की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अतिरिक्त बाढ़ शरणालय के साथ ही पशु शरणालय भी बनाए जाएं तथा वहां चारे इत्यादि की उचित व्यवस्था की जाए ताकि बाढ़ से विस्थापित पशुओं की उचित देखभाल करने के भी निर्देश दिए।
       श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0 की 12 टीमें तथा एस0डी0आर0एफ0 व पी0ए0सी0 की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। 837 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
       श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,51,505 खाद्यान्न किट व 2,79,588 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 318 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
       श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 19 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, पीलीभीत, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर) के 922 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 465 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 6,94,107 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,590 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।- अजय द्विवेदी/संजय कुमार