अपनों ने छोड़ा - उम्मीद ने अपनाया


वेब वार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार
लखनऊ 23 अगस्त। रात 11 बजे कुछ पुलिस वाले एक वृद्ध महिला को लेकर आये और उन्होंने बताया कि यह सड़क के किनारे कई समय से पड़ी हुई है। क्या आप लोग इनकी देखभाल कर सकते है। बिना कुछ सोचे उम्मीद संस्था द्वारा संचालित नदिया किनारे रैन बसेरे के केअर टेकर ने उन्हें जगह दी। रहने के लिए और खाना खिलाया परंतु देर रात माता जी अचानक कही निकल गयी। अगली सुबह जब माता जी के जाने की बात पता चली तो तत्काल जितेंद्र ( रैन बसेरों के प्रबंधक) को निदेश दिया कि आप वृद्ध माता जी को तत्काल ढूंढे और उन्हें लेकर आये। कई घंटों तक ढूंढने के पश्चात माता जी मिल गई परन्तु उनका आधा शरीर उनके मल से भीगा हुआ था। माता जी को उम्मीद संस्था द्वारा संचालित जियामऊ रैन बसेरा लाया गया। जहाँ सबसे पहले उनको साफ किया गया और नए कपड़े दिए गए। उसके बाद रैन बसेरे में रहने वाली महिलाओं ने वृद्ध माता जी को अपने हाथो से खाना खिलाया। उनसे बात के उपरांत पता चला कि शायद अपनो ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया है और उनकी तन्हाई और उदासी ने उनकी ऐसी हालत कर दी है। उम्मीद संस्था ने माता जी को रहने और भोजन के लिए पूर्ण इंतिज़ाम कर दिया है और समाज से भी हम यह अपील करते है कि अपने माँ बाप को आप सभी उनके वृद्ध समय मे कभी न छोड़े क्योंकि माँ बाप ईश्वर के समान होते है इनकी सेवा करना ईश्वर की सेवा करना है।