रिश्ते की मजबूती के लिए बातचीत जरूरी

अगर आपके रिश्ते में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है तो आपकी समस्याओं का समाधान यहां मिल सकता है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि दो साल होने के बावजूद आप दोनों ने अभी तक एक-दूसरे के साथ अच्छा वक्त ही न बिताया हो। आप दोनों को साथ में कुछ अच्छा वक्त बिताना चाहिए। हर व्यक्ति का व्यक्तित्व अलग होता है। कुछ लोग अपनी भावनाएं जल्दी व्यक्त नहीं कर पाते। हो सकता है आपकी पार्टनर भी कुछ इसी तरह की हो। इसलिए उससे आमने-सामने बातचीत की शुरुआत करें। अगर यह शुरुआत आप नहीं कर पा रहे हैं, तो इसमें परिवार के किसी सदस्य (बहन, भाभी या अन्य कोई भी) का सहयोग लें। कोई भी निर्णय लेने से पहले या पार्टनर को जज करने से पहले उनकी पर्सनैलिटी को जानने की कोशिश कीजिए और फिर गंभीरता के साथ आगे की रूपरेखा तय कीलिए। शादी के बाद कई बार होता है, जब माताओं को लगता है कि उनका बेटा उनकी बात नहीं सुन रहा है, जैसे कि आपके केस में हो रहा है। यहां पर आप एक काम कीजिए। इस मामले में अपनी पत्नी को आगे लाइए। पत्नी से कहिए कि वह आपका पक्ष रखें। हो सकता है आपकी पत्नी की बातों से आपके माता-पिता संतुष्ट हो जाएं। दूसरी बात, अगर आप और आपके माता-पिता आर्थिक रूप से एक-दूसरे पर निर्भर नहीं हैं तो कुछ दिन अलग रहने में भी कोई हर्ज नहीं है। दूर रहने से भी रिश्ते सुधरते हैं। जब स्थिति में थोड़ा सुधार दिखे, तब उनसे फिर बात करें और अपना पक्ष रखें। तीसरी बात, आप खुश रहना सीखें, तभी आप अपनी पत्नी, माता-पिता और दूसरे लोगों को भी खुश रख पाएंगे और डिप्रेशन की समस्या से भी उबर सकेंगे। आप एक बार फिर से अपना पक्ष उसके सामने रखिए कि क्यों आपने उसे पहले अपने अतीत के बारे में नहीं बताया था। कारण जो भी रहा हो, उसे ईमानदारी से एक्सप्लेन कर दीजिए। अगर आपका इरादा गलत नहीं था, तो मुमकिन है कि आपका पार्टनर आपकी बात समझेगा। उसे समझना भी चाहिए क्योंकि कई लोगों के अतीत में काफी कुछ होता है और उसके आधार पर भविष्य को नहीं छोड़ा जा सकता। उसे इस बात के लिए कन्विंस कीजिए कि अतीत में जो था, उसे छोड़ दीजिए, अब भविष्य हमारा है। हां, उसके साथ क्वालिटी टाइम बिताइए और उसकी पसंद की चीज़ें करके उसे स्पेशल फील कराने की कोशिश कीजिए। परिस्थितियां दो दिन में नहीं बदलेंगी, आप थोड़ा समय दीजिए। चीज़ें खुद-ब-ख़ुद ठीक हो जाएंगी।