कर्मचारी यूनियनों को समाप्त करना चाहती है सरकार- शिव गोपाल मिश्र

गोरखपुर। सरकार कर्मचारी यूनियनों को भी समाप्त करने पर तुली है। न यूनियनें रहेंगी और न ही समस्याएं उजागर होंगी। इसके लिए नई नीति बन रही है, जिसमें कर्मचारी संगठन मालिकों के आदेश के बिना हड़ताल की तो बात दूर अपनी बात भी नहीं कह पाएंगे। लेकिन फेडरेशन ऐसा नहीं होना देगा। आंदोलन का बिगुल बज चुका है। यह बातें आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कही। वह गोरखपुर के रेल अधिकारी क्लब परिसर में एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के 59वें वार्षिक अधिवेशन के खुले सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। महामंत्री ने सरकार पर सीधे हमला बोला। कहा कि यह सही है कि सरकार अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर कार्य कर रही है लेकिन इसको लेकर तनिक भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सुनने में आ रहा है कि रेलवे बोर्ड हड़ताल करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगा। यूनियन करने वाले 50 हजार कर्मचारियों को जबरन रिटायर्ड कर दिया जाएगा लेकिन यह सही नहीं है। यूनियन से जुड़े 99 फीसद कर्मचारी अपना 100 फीसद कार्य करते हैं। रेल कर्मचारियों के चलते देश में सस्ते कोच और इंजन तैयार हो रहे हैं। ट्रेनें निर्बाध गति से चल रही हैं। कर्मचारी अपनी कुर्बानियां दे रहे हैं। इसके बाद भी सरकार रेलवे को टुकड़े-टुकड़े में निजी हाथों में सौंपना चाहती है, लेकिन फेडरेशन सरकार की मंशा को पूरा नहीं होने देगा। एआइआरएफ के महामंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के कार्य करने के घंटे बढ़ते जा रहे हैं। संरक्षा कोटियों में भी आठ घंटे से अधिक ड्यूटी ली जा रही है। स्टेशनों और कार्यालयों का नव निर्माण हो रहा है। लेकिन कालोनियों की सुध नहीं ली जा रही। इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फेडरेशन की चेयरपरसन प्रीती सिंह ने अपने उद्बोधन में आंदोलन में युवाओं और महिलाओं को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। अधिवेशन का संचालन नरमू के अध्यक्ष बसंत लाल चतुर्वेदी ने किया। अध्यक्षता केएल गुप्त ने की। इस मौके पर संयुक्त महामंत्री नवीन कुमार मिश्र, एससीएसटी एसोसिएशन के महामंत्री चंद्रशेखर और मुन्नी लाल आदि मौजूद थे।