अमीर शेख करते हैं सोहन चिड़िया का शिकार

पाकिस्तान खाड़ी देशों के अमीर शेखों का दिल खुश करने के लिए कैसे कैसे हथकड़े अपनाता है, इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। पाकिस्तान ने हाल में कतर के शेख और राजघराने के नौ अन्य सदस्यों को सोहन चिरैया (होउबारा बस्टार्ड) को मारने की स्पेशल परमिट दी है। अलग-अलग इलाकों में सोन चिरैया या तिलोर के नाम से मशहूर होउबारा बस्टार्ड पक्षियों की एक दुलर्भ प्रजाति है। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का मुल्क में जमकर विरोध हो रहा है। पाक सरकार ने सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत क्षेत्र में सोन चिरैया के शिकार की इजाजत दी है। डॉन की खबर के मुताबिक तेल से समृद्ध खाड़ी देशों के अमीर शेखों को 10 दिन की सफारी में 100 सोन चिरैया का शिकार करने की परमिट दी गई है। ये परमिट उन्हें तीन माह 1 नवंबर, 2019 से 31 जनवरी, 2020 तक के सीजन के लिए दी गई है। परमिट व्यक्ति विशेष को दी गई है। चौंकने वाली बात यह है कि अमीर शेखों का मानना है कि सोन चिरैया का मीट खाने से सेक्स पावर बढ़ती है। जबकि कोई रिसर्च इस बात की तस्दीक नहीं करती। दूसरा शौक का मामला है क्योंकि चिरैया के शिकार में बाज़ का इस्तेमाल होता है और ये खेल देखने में शेखों को बड़ा मजा आता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये परमिट पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के डिप्टी चीफ ऑफ प्रोटोकॉल मोहम्मद अदील परवेज ने जारी की है। जिन लोगों को ये परमिट जारी की गई है उनमें कतर के पूर्व किंग हमद बिन खलीफा, उनके चाचा, भाई और राजघराने के 7 अन्य  सदस्य शामिल हैं। पाकिस्तान सरकार की इस नीति की मुल्क में आलोचना होती है। लेकिन इसके बावजूद यहां हर साल खाड़ी देशों के अमीर शेखों को इस तरह की परमिट जारी की जाती है। सोन चिरैया नवंबर से जनवरी माह के दौरान मध्य एशियाई क्षेत्र से पाकिस्तान में आती हैं। उन्हें यहां मध्य एशियाई क्षेत्र की तुलना में थोड़ा गर्म मौसम मिलता है जो उन्हें काफी मुफीद लगता है। सोन चिरैया की घटती आबादी के चलते कई अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संधियों के तहत इसका शिकार प्रतिबंधित है। यही नहीं स्थानीय वन्य संरक्षण कानून में भी इस पर बैन है। पाकिस्तान के आम लोगों को इसके शिकार की अनुमति नहीं है। पाकिस्तान इसके शिकार की इजाजत एक सॉफ्ट डिप्लोमेसी के तौर पर करता है। तेल से समृद्ध खाड़ी देशों के अमीर शेख सोन चिरैया का शिकार करने के लिए प्रति व्यक्ति पाकिस्तान को 1 लाख अमेरिकी डॉलर ( यानी करीब डेढ़ करोड़ पाकिस्तानी रुपये) देते हैं।