अभिभावकों पर फिर पड़ेगी महंगी फीस की मार

लखनऊ। दो वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने फीस नियंत्रण कानून लागू किया था। मकसद था स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से धन उगाही पर अंकुश लगाना। अभिभावकों पर हर साल पडऩे वाली महंगी फीस की मार से निजात मिल सके, लेकिन हालत जस की तस हैं। निजी क्षेत्र के लगभग सभी स्कूलों ने अगले सत्र यानी सत्र 2020, 21 से अलग-अलग मदों के नाम पर फीस वसूली का ऐलान किया है। एनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा सोमवार को हुई बैठक में फीस वृद्धि को लेकर निर्णय लिया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि अगले सत्र से 8.28 प्रतिशत फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है। बहरहाल निजी स्कूलों के लिए फैसले से अभिभावक खुद को ठगा महसूस करेंगे। वहीं अभिभावक संघ केे पदाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया क‍ि हर बार की तरह इस बार भी स्कूल मनमाने ढंग से फीस वसूलेंगे। निजी स्कूल फीस नियंत्रण कानून का भी मजाक उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हर स्तर पर फीस नियंत्रण कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है वहीं जिम्मेदार बेपरवाह हैं।  डीआइओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह ने कहा क‍ि पांच प्लस सीपीआइ से अधिक फीस तय नहीं की जा सकती। इससे अधिक पर फी रेगुलेटरी कमेटी को स्कूलों को सूचना देनी होगी।