मेधावी और अनुभवी युवाओं का अपमान करना किस राष्ट्रवाद की श्रेणी - सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी

लखनऊ 16 सितम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि देश में ढोंगी राष्ट्रवाद और सच्चे राष्ट्रवाद पर खुली बहस होने की आवष्यकता है। केन्द्र सरकार के मंत्री द्वारा उ0प्र0 के मेधावी और अनुभवी युवाओं का अपमान करना किस राष्ट्रवाद की श्रेणी में आयेगा यह सोचने का विषय है। किसी भी देष का निर्माण युवाओं के कंधों पर होता है तथा हमारे देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुडाने में देष के युवाओं की ही भागीदारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के आवाह्न पर ही बढ़चढ़कर हुयी थी। हमारे देश के युवाओं ने विज्ञान प्रौद्यौगिकी के क्षेत्र में नये नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। शहीद भगत सिंह, चंद्रषेखर आजाद, रामप्रसाद विस्मिल, अशफाक उल्ला खां, कैप्टन अब्दुल हमीद के साथ साथ सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक जैसे महापुरूषौ ने अपनी युवावस्था में ही विष्व के सामने क्रान्तिकारी एवं त्यागी और बलिदानी सेनानियों के रूप में अपने कीर्तिमान स्थापित किये हैं तो डाॅ0 होमी भाभा और डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम जैसे महापुरूषों ने महान वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री संतोश गंगवार ने निवेषकों के इषारे पर उत्तर प्रदेश के युवाओं का अपमान करना निंदनीय ही नहीं बल्कि ढोंगी राष्ट्रवादी भावना का परिचायक है। जो सरकार स्वयं दो करोड नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा करते हुये युवाओं को गुमराह करके सत्ता में आयी उसी सरकार के मंत्री युवाओं का ही अपमान कर रहे हैं। नौकरी न मिलने से उ0प्र0 का युवा भावनात्मक रूप से जख्मी है और केन्द्रीय मंत्री का ऐसा बयान युवाओं के जख्मों पर नमक छिडकने जैसा है।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री महोदय को उ0प्र0 ही नहीं देश की समस्त युवा शक्ति से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो इसे केन्द्र सरकार की हठधर्मिता कही जायेगी और छदमवेश धारी राष्ट्रवादी लोगों की हीनभावना उजागर हो जायेगी।