कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया, आचार्य देवव्रत गुजरात भेजे गए

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। दोनों राज्यपालों की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति ने आदेश जारी कर दिया है। दोनों के अपने-अपने राज्यों में पद संभालने के बाद नियुक्ति प्रभावी हो जाएगी। कलराज भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वह तीन बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने बसपा उम्मीदवार नियाज अहमद को 4,96,500 वोटों के अंतर से हराया था। हालांकि उन्होंने 2019 का चुनाव नहीं लड़ा। इसके पीछे उन्होंने पार्टी द्वारा अन्य जिम्मेदारी दिए जाने को कारण बताया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वह कैबिनेट मंत्री थे। उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने सितंबर 2017 में पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जाता है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मजबूत समर्थन प्राप्त है। अगस्त 2018 तक वह रक्षा मामलों की स्थायी समिति के सदस्य रहे हैं। वह लखनऊ से भाजपा विधायक भी रहे हैं। आचार्य देवव्रत वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। उन्हें राष्ट्रपति ने यहां से हटाकर सोमवार को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया है। वह कुरुक्षेत्र के गुरुकल के प्रधानाचार्य रहे हैं। इसे आर्य प्रतिनिधि सभा बिना सरकारी सहायता के संचालित करती है। हिमाचल के राज्यपाल के साथ ही वह हिमाचल प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी हैं। वह अपने दैनिक जीवन में ईमानदारी, अनुशासन, समय की पाबंदी के लिए जाना जाता है। वह प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए काम कर रहे हैं। वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़े हुए हैं।