आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने 22 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और उसे ज्ञापन सौंपा। चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाले विपक्षी दलों के नेताओं के इस प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि किसी पोलिंग बूथ में विसंगति पाए जाने की स्थिति में पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के आंकड़ों का वीवीपैट पर्चियों से मिलान कराया जाए। यही नहीं नेताओं ने ईवीएम में टैंपरिंग की भी आशंका जताई। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के राजबब्बर, गुलाम नबी आजाद, अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, आप नेता अरविंद केजरीवाल, द्रमुक नेता कनिमोझी, भाकपा के डी. राजा और तृणमूल कांग्रेस के नेता शामिल थे। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव की मतगणना में कुछ घंटे अभी बाकी होने से पहले ही प्रमुख विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में बैठक की। इस बैठक में मतगणना के बाद गैर राजग सरकार के गठन को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच विचार-विमर्श हुआ। विपक्षी दलों के नेताओं के इस प्रतिनिधि मंडल की मांग है कि किसी पोलिंग बूथ में विसंगति पाए जाने की स्थिति में पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के आंकड़ों का वीवीपैट पर्चियों से मिलान कराया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल की अगुआई चंद्रबाबू नायडू ने की। आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम इन मुद्दों को पिछले डेढ़ महीने से उठाते रहे हैं। हम निर्वाचन आयोग से जानना चाहते हैं कि वह हमारी शिकायतों पर जवाब क्यों नहीं दे रहा है। अजीब बात है कि चुनाव आयोग ने हमें लगभग एक घंटे तक सुना और आश्वासन दिया कि वह कल सुबह फिर से उक्त मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलेगा। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ईवीएम में कथित गड़बड़ी को लेकर काफी दिनों से चुनाव आयोग से शिकायत करते रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से लोकसभा चुनावों की मतगणना के दौरान ईवीएम के बजाय वीवीपैट से मतों की गिनती करने का आग्रह किया था। नायडू ने सोमवार को अपना विरोधी स्वर तेज करते हुए कहा था कि इस समय राजनीतिक पार्टियां ईवीएम की सुरक्षा में लगी हैं क्योंकि ऐसी अफवाह है कि फ्रीक्वेंसी की मदद से ईवीएम में स्टोर डेटा बदला जा सकता है।