प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने भी जारी किया घोषणा पत्र
 

लखनऊ। आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने की लोकसभा 2019 के चुनाव हेतु अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिया। इस दौरान उन्होंने अपने संगठन और मीडिया को घोषणा पत्र के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अशफाक उल्ला खान, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे शहीदों के सपनों एवं महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया जैसे राष्ट्रनायकों के सिद्धान्तों के अनुरूप शोषण विहीन समतामूलक, सामाजिक न्याय पर आधारित समृद्ध समाज तथा वर्तमान व आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भारत के नवनिर्माण हेतु पूर्णतया प्रतिबद्ध है ।

इस घोषणा पत्र में सपा संस्थापक मुलायम सिंह की फोटो गायब थी जब इस संबंध में शिवपाल सिंह यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा यह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है। हालांकि इसके पहले उनके हर पोस्टर पर मुलायम सिंह यादव की फोटो रहती थी। 

शिवपाल सिंह ने आगे कहा कि प्रसपा महान समाजवादी चिंतक लोहिया जी के इस विचार से पूर्णतया सहमत है कि सामाजिक न्याय की लड़ाई तब तक अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सकती जब तक समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में भी खुशहाली न आ जाए । प्रसपा का यह भी विश्वास है कि सामाजिक न्याय का अर्थ है-उन सभी व्यक्तियों को न्याय उपलब्ध कराना, जिनके साथ किसी भी प्रकार के सामाजिक भेद-भाव व वर्चस्व के कारण अन्याय हो रहा है । सामाजिक न्याय की यात्रा में बहुत सी जातियां और समुदाय पीछे छूट गए हैं, प्रसपा के गठन का असल मकसद तब पूरा होगा जब तरक्की और खुशहाली आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगी । प्रसपा का यह भी मानना है कि सामाजिक न्याय की ये लड़ाई तब सफल होगी जब बिना किसी भेद-भाव के सभी को रोजी-रोटी-रोजगार,सुरक्षा ,मुफ्त दवाई व शिक्षा मिलेगी । 

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी पीड़ित मानवता को किश्तों व सीमाओं में बांट कर नहीं देखती, इसलिए पार्टी जाति, सम्प्रदाय, रंग , संस्कृति, भाषा व क्षेत्र के आधार पर होने वाले किसी भी विभेद व भेदभाव का विरोध करती है । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने राम मनोहर लोहिया की ’सप्तक्रांति’ तथा लोकनायक जयप्रकाश की ’समग्र क्रांति’ में गहरी आस्था व्यक्त करते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बार -बार दुहराया है । हम यह मानते हैं कि लोगों को यह कहा जाना कतई स्वीकार नहीं है कि उन्हें क्या खाना और क्या पहनना चाहिए और साथ ही हमारा बहुत स्पष्ट मानना है कि मुसलमान देश के नागरिक हैं और उनकी देशभक्ति पर किसी को सवाल उठाने का अधिकार नहीं है ।

प्रसपा किसानों, गरीबों, मुसलमानों, पिछड़ों, दलितों व महिलाओं को प्रशासन, राजनीति एवं अर्थतंत्र में डा0 लोहिया द्वारा प्रतिपादित विशेष अवसर की अवधारणा के अनुसार अधिकार देने एवं नियोजित करने की प्रतिबद्ध पैरोकार है । 

हम सभी जानते हैं कि सत्रहवीं (17 वीं ) लोकसभा आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है । इस चुनाव रूपी जन -उत्सव में 90 करोड़ मतदाता सम्मिलित होकर तय करेंगे कि सत्ता की चाभी किसे देनी है । सरकार की जनविरोधी एवं दमनकारी नीतियों के विरुद्ध प्रतिबद्ध व प्रगतिशील प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते हुए प्रसपा ने उस समय जब सम्पूर्ण विपक्ष मौन था तब खुली चुनौती दी और अल्पावधि में जनता का अपार स्नेह व समर्थन अर्जित किया है । 

 17 वीं लोकसभा आम चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं, जब बेरोजगारी व आर्थिक विषमता की खाई रसातल छू रही है । देश में अमीर तो और अमीर हुआ है तो गरीब और अधिक गरीबी की ओर बढ़ा है । संयुक्त राष्ट्र संघ की मानव विकास की रिपोर्ट के अनुसार समग्र मानव विकास सूचकांक में भारत 130 वें स्थान पर है । रिजर्व बैंक ऑफ इंण्डिया के आंकड़ों के अनुसार भारत 529.68 अरब डालर ( लगभग 35.73 लाख करोड़ रुपये) के कर्ज में है, यानि देश के हर नागरिक के ऊपर 61 हजार रूपए का ऋृण है । पूरे बजट का 18 फीसदी केवल ब्याज चुकाने में जा रहा है । भारतीय अर्थव्यवस्था ऋृण के जाल में फंसने के मुहाने पर खड़ी है। विकास के नाम पर गरीबों को छला गया है  , प्रसपा लूट के गठजोड़ के ताले को तोड़ने के लिए कटिबद्ध है । 

भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों के कारण देश आर्थिक व राजनैतिक गुलामी की ओर बढ़ रहा है। एक तरफ साम्प्रदायिक ताकतें हैं जो देश को धर्म, सम्प्रदाय व जाति के कटघरों में बांट कर सत्ता पर काबिज रहना चाहती हैं, दूसरी तरफ वे शक्तियां हैं जिन्होंने सार्वजनिक जीवन विशेषकर राजनीति को भ्रष्टाचार का दल-दल बना दिया है। इन दोनों खेमों से परे प्रसपा एक उम्मीद का सुर्ख परचम बन कर उभरी है । 

पीएसपी संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने और भारत व हिन्दी को वैश्विक-मान दिलाने के लिए प्रभावशाली प्रयास की हिमायती है। भारतीय संदर्भ में राष्ट्रवाद व समाजवाद एक दूसरे के पूरक व प्रेरक हैं । राष्ट्रवाद व समाजवाद के नाम पर फैलाए जा रहे व फैलाए गए भ्रम से भी पीएसपी लड़ी है, लड़ रही है और सदैव लड़ती रहेगी। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) सत्ता में आने पर उपरोक्त बिन्दुओं के लिए संकल्पित है ।

(1)कृषि सुधार, किसान आयोग का गठन,

(क) हमारा मानना है कि देश में किसानों के लिए स्पष्ट नीति का आभाव है । किसानों को न लाभकारी मूल्य मिल पा रहा है , और न ही सस्ते ऋण, उर्वरक व बीज की सुलभता को लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति है । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया कृषि को उद्योग दर्जा देते हुए राष्ट्रीय और प्रांतीय किसान आयोग का गठन करेगी जिसके पास किसानों को न्याय दिलाने व वित्तीय सहयोग करने का संवैधानिक अधिकार होगा, इसके सदस्य किसान व कृषि प्रधान व्यवसाय से जुड़े लोग भी होंगे । 

(ख) शिवपाल सिंह यादव द्वारा संशोधित राजस्व संहिता प्रभावशाली तरीके से लागू कराई जाएगी ताकि राजस्व सम्बन्धित मुकदमों में किसान का कीमती समय बर्बाद न हो । 

(ग) किसानों को उनके लागत का कम से कम ढाई गुणा अधिक लाभकारी मूल्य दिया जाएगा । शिक्षा मित्रों के तर्ज पर किसान परिवार के बच्चों की कृषि-मित्रों के रूप में नियुक्ति की जाएगी जो कि अपना गांव, अपना खेत छोड़े बिना रोजगार पायें और गांव से पलायन रुके। 

(घ) किसानों की क्रयशक्ति बढाई जाएगी और कर्जमाफी से आगे बढ़कर सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी किसान को जेवर, पैतृक जमीन आदि गिरवी रख कर कर्ज लेने की आवश्यकता न पड़े । कृषि कार्य में प्रयुक्त बिजली व अन्य यंत्रों को शासकीय छूट दिलाई जाएगी। 

(ड) मंडियों का आधुनिकीकरण एवं मंडियों को सुविधा युक्त किया जाएगा ।

(च) साथ ही हमारा यह भी मानना है कि जिस तरह उद्यमी अपने उत्पाद का मूल्य तय करता है, उसी तरह किसानों को भी अपने कृषि उत्पाद का मूल्य तय करने का अधिकार है। अतः प्रसपा यह मानती है कि न्यूनतम समर्थन  मूल्य तय करने का अधिकार सरकार का न होकर किसानों का है ।

(छ) किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था मुफ्त की जाएगी । साथ ही नहरों की टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा व नलकूपों की व्यवस्था की जाएगी ।

(ज) बुंदेलखंड के पानी की उपलब्धता हेतु ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे वहां के किसानों को वर्ष में दो फसलें मिल सके ।

(2) औद्योगिक सुधार, श्रम आधारित उद्योगों को संरक्षण

(क) पीएसपी श्रम आधारित लघु व कुटीर उद्योगों की घोर समर्थक है ताकि रोजगारपरक औद्योगिक विकास बढ़े । अरबपतियों की संख्या में वृद्धि विकास का समग्र पोषक नहीं होता। हर व्यक्ति को योग्यता व कुशलता के अनुसार सेवा का अवसर मिलना चाहिए ।  पिछले एक दशक में देखा गया है कि भारत में बहुराष्ट्रीय व बड़े पूंजीपतियों का विकास बहुत तेजी से हुआ है । इनके सामान्तर छोटे-मध्यम देशी पूंजी वाले उद्योग नुकसान में रहे हैं । पीएसपी इस दुष्चक्र को बदलेगी। 

(ख) उद्योगों का विकेन्द्रीयकरण किया जाएगा ताकि औद्योगिक विकास कुछ हाथों और कुछ जगहों तक ही सीमित न रहे । 

(ग) उद्योगों को कमर तोड़ती कराधान व अनावश्यक कानूनों से मुक्त किया जाएगा । उद्योग लगाने की प्रक्रिया का सरलीकरण होगा । उद्योगपतियों को गुण्डाराज व अवैध वसूली से बचाने के लिए अतिरिक्त पुलिस प्रकोष्ठ बनाई जाएगी । 

(घ) पूरे देश  में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी कानून व्यवस्था एवं मूलभूत आधार रचना के आभाव में नहीं आ पा रहा है । इस कारण युवाओं को नौकरिया नहीं मिल पा रही है । प्राइवेट इन्वेस्टमेंट के लिए उनके अनुकूल संरचनात्मक ढांचे का विकास किया जाएगा व सरकारी कार्यप्रणाली को निवेश के अनुकूल बनाया जाएगा ताकि निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें ।

(ड) नए उद्योगों को पहले पांच वर्षों के लिए कर मुक्त किया जाएगा ।

(च) प्रसपा (लोहिया) ऐसी आर्थिक नीतियों का पुरजोर समर्थन करती है जिनसे आर्थिक विषमता व बेरोजगारी घटे तथा आर्थिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा मिले। साथ ही स्वदेशी तकनीक व पूंजी के माध्यम से आर्थिक विकास का मॉडल चुना जाए ।

(3) मुसलमानों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व सम्मान, 

(क) अनुच्छेद 341 पर असंवैधानिक प्रतिबन्ध को समाप्त कर संविधान द्वारा प्रदत्त सामान्य न्याय के अधिकार को सबके लिए लागू किया जाएगा ।

 (ख) जस्टिस रंगनाथ मिश्र व लोहिया के शिष्य जस्टिस राजिन्दर सच्चर की संस्तुतियों को लागू किया जाएगा । सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर देश के दिहाड़ी एवं छोटे काम करने वाले 55 फीसदी मुस्लिम हैं , इनके भविष्य की सुरक्षा के लिए भविष्य निधि की स्थापना की जाएगी ।

(ग) हज कमेटी द्वारा जारी लूट को समाप्त कर हज यात्रा को सुगम एवं सस्ता बनाया जाएगा जिससे गरीब मुसलमान अपना हज करने के ख्वाब को पूरा कर सके । 

 (घ) मुस्लिम समाज में व्याप्त अशिक्षा गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को अभियान चलाकर दूर किया जाएगा।

 (ड) अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों में महिलाओं की उच्च शिक्षा की व्यवस्था हेतु महिला पीजी कॉलेज , इंटर कॉलेज व छात्रावास की व्यवस्था की जाएगी ।

(च) प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का स्पष्ट मत है कि देश के सभी नागरिक समान हैं । भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों चाहे वे धार्मिक अल्पसंख्यक हो या भाषाई, उन्हें पीएसपी सुरक्षा व सम्मान देगी । गैर हिन्दी भाषी प्रांतां में हिन्दी भाषियों और हिन्दी-पट्टी में गैर-हिन्दी भाषियों की रक्षा की जाएगी । मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल करने वाली जमात पर अंकुश लगाया जाएगा । 

(छ) मदरसा का आधुनिकीकरण कर शिक्षकों का नियमतिकरण कर उसकी समस्या का समाधान करना ।  साथ ही मदरसा शिक्षा को रोजगारपरक बनाने हेतु विशेष कार्य योजना बना कर प्रत्येक मदरसों में कौशल विकास केंद्र व लघु उद्योग केंद्र की स्थापना की जाएगी ।

(ज) न्यायायिक सेवाओं में उर्दू को वापस बहाल किया जाएगा ।

(झ) अल्पसंख्यकों हेतु अलग से कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।

(त) दरगाह एक्ट बनाकर लागू करना ताकि दरगाहों पर अवैध कब्जों पर अंकुश लगाया जाए ।

(थ) प्रतिभाशाली अल्पसंख्यक छात्रों की उच्च विदेश शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति का प्रावधान किया जाएगा ।

(द) मुस्लिम तलाक शुदा औरतों को आर्थिक मदद कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी ।

 (4) युवा, उच्च शिक्षा व रोजगार, 

(क) लोकतांत्रिक लोककल्याणकारी राज्य व्यवस्था में युवा को रोजगार देना सरकार की नैतिक दायित्व होगा। हर बालिग योग्य युवा के लिए योग्यतानुसार रोजगार अनिवार्य रोजगार अधिनियम लाया जायेगा। ‘‘हर हाथ को उचित काम, हर काम को उचित दाम’’ देने का प्रबन्ध करना सरकार की प्राथमिता होगी। 

(ख)विभागों के समस्त सरकारी रिक्तियों को 2 वर्ष के अन्दर भर कर 20 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी ।

 (ग) जिन्हें रोजगार नहीं मिल पाएगा, उन्हें सरकार बेहतर जीवन-यापन के लिए बेरोजगारी भत्ता प्रदान करेगी जिससे उन्हें रोजगार खोजने व परीक्षा की तैयारी के लिए पुस्तकों आदि के प्रबन्ध में आसानी हो । 

(घ) युवा आयोग के गठन के साथ-साथ युवा नीति बनाई जाएगा और युवाओं के लिए अलग से बजट में कोष का प्रबन्ध होगा । 

(ड) युवा को उच्चतर शिक्षा दिलाने के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। ताकि गरीब परिवार में जन्मी कोई प्रतिभा उच्चतर शिक्षा से वंचित न रह जाय। 

(च) युवजन एवं युवमन की समस्यायें बदलते दौर के साथ तेजी से बदलती हैं, इस इनके मद्देनजर सामायिक परिवर्तन किया जाएगा ताकि वैश्वीकरण की वर्तमान हमारे युवा अमेरीका, इंग्लैण्ड, चीन, जापान, यूएई आदि देशों के युवाओं मुकाबले खडे़ हो सके । 

(छ) गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले युवाओं को शिक्षा व रोजगार में दिया जाने वाला ऋण ब्याजमुक्त होगा और शेष युवाओं को रियायत दर में कर्ज प्रदान किया जाएगा  ।

(5) सामाजिक न्याय का तार्किक विस्तार

(क) जातिगत जनगणना व उसपर आधारित आरक्षण का विस्तार। हमारा स्पष्ट मत है, ‘जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’। देश में 1931 की जनगणना में एकत्रित किए गए जातिगत आंकड़ो के आधार पर 2018 में आरक्षण मिल रहा है । प्रसपा का यह विश्वास है कि अगर आज ईमानदारी से जनगणना हो तो दलित, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों की संख्या देश की कुल आबादी की 85 फ़ीसदी होगी । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण की पक्षधर है और यदि प्रसपा अगर सत्ता में आई तो कानून बनाकर जातिगत जनगणना व उसपर आधारित आरक्षण को लागू किया जाएगा जो लोहिया के विशेष अवसर के सर्वमान्य सिद्धांत के अनुरूप होगा ।

(ख) निजी क्षेत्र में भी आरक्षण का विस्तार

 नौकरियों में कमजोर वर्ग के लिए सिर्फ आरक्षण से सामाजिक समानता और मौकों की समानता के लक्ष्य को पाया नहीं जा सकता, वंचितों के सशक्तीकरण की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ प्राइवेट क्षेत्र पर भी है। ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के अनुरूप निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी ।

(6)वरिष्ठ नागरिकों, वंचित, दिव्यांग नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा व पेंशन नीति

प्रसपा लोककल्याणकारी राज्य व्यवस्था के लिए कटिबद्ध है और वंचित, दिव्यांग व वरिष्ठ तथा वयोवृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन की व्यवस्था करेगी। इस क्रम में 

(क) पुरानी पेंशन की बहाली करते हुए  सरकारी कर्मचारियों के बुढ़ापा की जीविका सुनिश्चित की जाएगी ।

(ख) गैर संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों यथा मजदूर , कुली , भूमिहीन , किसान व रिक्शाचालकों आदि श्रमजीवियों के लिए यथासंभव पेंशन की व्यवस्था की जाएगी ।

(ग) वंचित व दिव्यांग लोगों के लिए विशेष पेंशन की व्यवस्था की जाएगी ।

(घ) प्रत्येक गरीब परिवार को बिना किसी वर्ण भेद के दो कमरे का मकान मुफ्त दिया जाएगा।

(7) सभी संविदाकर्मियों के लिए स्थायी सेवा

पीएसपी सरकार सभी संविदाकर्मियों को स्थाई करेगी और समान कार्य –समान वेतन के आधार पर सेवायोजित करेगी । शिक्षा मित्रों , बाल विकास परियोजना  से जुडी कार्यकत्रियों , एन एच आर एम से सम्बद्ध स्वास्थ्यकर्मियों सरीखे संविदा को स्थायी करते समय उनकी सेवा अवधि व योग्यता का विशेष ध्यान रखा जाएगा । 15-20 वर्षो से  संविदा पर कार्य कर रहे सभी संविदा कर्मियों जैसे शिक्षा मित्रों व दूसरे संविदा कर्मियों का समायोजन किया जाए ।

(8) प्राथमिक शिक्षा व स्वास्थ सुविधाओं को हर नागरिक के लिए सुगम,सुलभ, निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा ।

(9)अंतराष्ट्रीय मोर्चे पर सरकार पूर्णतया विफल रही है । विदेश नीति की नाकामी की निशानी है कि हमारे सम्बन्ध अपने मित्र देशों से भी खराब हो गये हैं, या पहले जैसे नहीं रहे । वैदेशिक नीति में राष्ट्रहित सर्वोपरि रखते हुए सभी देशों से बेहतर सम्बन्ध की नीति अपनाई जाएगी। साथ ही पाकिस्तान और चीन के कब्जे में लाखों वर्गमील जमीन चली गयी, उसे वापस लेने के लिए ठोस कार्यवाही की जाएगी।

(10)धार्मिक पर्यटन विकास

देश में सौहार्द व प्रेम के संदेश के प्रचार प्रसार व साम्प्रदायिक सद्भाव के विकास के उद्देश्य से धार्मिक पर्यटन का विकास किया जाएगा । इस कड़ी में सूफी शिक्षाओं के प्रचार प्रसार हेतु सूफी सर्किट  सूफी कारीडोर की स्थापना की जाएगी, इसी क्रम में बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, कृष्ण सर्किट व राम सर्किट व कारीडोर की स्थापना भी की जाएगी ।