एटीएम कार्ड सत्यापन के बहाने पत्रकार के खाते से 1 लाख उड़ाए





 

लखनऊ। ज्यों ज्यों देश के सभी बैंक डिजिटल होते जा रहे हैं, त्यों त्यों साइबर अपराध में बढ़ोतरी होती जा रही है। और अब तो लोगों को शिक्षित कराने वाले ही इस अपराध का शिकार हो रहे हैं।

        विगत दिवस शनिवार को अमर उजाला समाचार पत्र में कार्य करने वाले पत्रकार अतुल कुमार सिंह से एटीएम कार्ड के नंबर मालूम करके रकम उड़ाने वाले जालसाज़ों ने उनके खाते से 1,02,146/- उड़ा लिए। इस जालसाजी की भनक लगते ही पत्रकार ने बैंक खाता बंद कराने के साथ साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई ( न0 0026/31.3.2019)। गौतम पल्ली थाने के जियामऊ निवासी पत्रकार अतुल कुमार सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले एक नया एटीएम कार्ड उनके पास आया था, उसके बाद जालसाज़ ने खुद को एचडीएफसी बैंक का प्रबंधक बता कर मोबाइल (6289106215, 9135251776) से उनसे एटीएम कार्ड का सत्यापन कराने को कहा। झांसे में आए अतुल सिंह ने एटीएम कार्ड का नंबर बताया।  जालसाज ने अतुल सिंह को काफी देर तक बातचीत में उलझा रखा, इसके बाद जब अतुल ने फोन काटा तो उनको उन्होंने देखा कि उनके मोबाइल में बैंक के काफी सन्देश थे   देखने पर पता चला कि जाल साज में उनके खाते से कई बार में 1,02,146/- उड़ा लिए।

 शनिवार से आज तक लगातार अतुल सिंह थाने के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन एफ आई आर लिखे जाने के बाद भी अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहां  तक कि जालसाज का नंबर भी अभी तक पुलिस ने सर्विलांस पर नहीं लगाया जबकि जाल साज अतुल सिंह से फोन पर लगातार एफ आई आर वापस लेने को दबाव बना रहा है और इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है। इसके बावजूद भी पुलिस सर्विलांस के अधिकारी जाल साज को पकड़ने में नाकामयाब हैं। 

       देखने वाली बात यह है जहां आज यह देश डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है वहीं पर उसका दुरुपयोग कर जालसाज लोगों को कैश से लेश करने में लगे हुए हैं। आज हर व्यक्ति की व्यक्तिगत गोपनीय जानकारी पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि आदि हर जगह एक दूसरे से लिंक होने के कारण सार्वजानिक हो गयी है। और जालसाज के लिए कैबरे अपराध करना बहुत आसान हो गया है, और वह घर बैठे बैठे जब चाहे लोगो को कैशलेश कर सकता है। जब एक पत्रकार का यह हाल है पुलिस किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रही है तो आम जनता किस प्रकार से अपने को सुरक्षित रख पाएगी।