रामपुर। बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले।यह पंक्तियां सांसद डॉ. नैपाल सिंह के मौजूदा हालात पर सटीक बैठ रही हैं। लंबे अरसे से भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहे नैपाल सिंह को यह उम्मीद भी नहीं थी कि उनका टिकट कट जाएगा और बेटे को भी नहीं मिल पाएगा। टिकट कटने पर वह रामपुर से अपना बोरिया बिस्तर भी समेट ले गए। डा. नैपाल सिंह 28 साल तक भाजपा के टिकट पर विधानपरिषद सदस्य रहे। वह कल्याण सिंह की भाजपा सरकार में प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री भी रहे। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने रामपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। वह चुनाव जीत गए, लेकिन मुरादाबाद से ही यहां आते रहे। दरअसल उनका परिवार मुरादाबाद में ही रहता है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह पिछले काफी समय से रामपुर में ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहे थे। उनके इंजीनियर बेटे सौरभ पाल ङ्क्षसह सक्रिय थे। सांसद अपने बजाय बेटे को ही टिकट दिलवाने के लिए प्रयासरत थे। आवास विकास कालोनी में कार्यालय भी खोल लिया था और बेटे को भाजपा में जिला महामंत्री भी बनवा दिया था। पांच दिन पहले ही उनके कार्यालय पर लोधी समाज के लोगों की मीटिंग हुई थी। मीटिंगमें मौजूद लोगों ने चेतावनी दी थी कि यदि सांसद के बेटे को टिकट नहीं मिला तो चुनाव का बहिष्कार कर देंगे। पार्टी हाईकमान ने टिकट जयाप्रदा को दे दिया। इस पर सांसद ने कहा कि हाईकमान का फैसला उन्हें मान्य है। अब टिकट न मिलने पर उन्होंने रामपुर से बोरिया बिस्तर समेट लिया। बुधवार को उनके कार्यालय से सारा सामान समेट लिया गया। उनके प्रतिनिधि एवं रिश्तेदार मोहन कुमार लोधी ने बताया कि सांसद का कार्यालय बंद हो गया है। सामान उनके आवास पर आ गया है।
टिकट कटने पर रामपुर से बोरिया-बिस्तर समेट ले गए नैपाल सिंह