मेरी आत्मा धौरहरा में ही बसती है : जितिन प्रसाद 
वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा 

सीतापुर 28 मार्च 2019। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद की सीट को लेकर कांग्रेस नेतृत्व ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन उनके समर्थक चाहते हैं कि जितिन धौरहरा से ही चुनाव लड़ें। बृहस्पतिवार को जब वह लखनऊ आ रहे थे तो उनके समर्थकों ने उन्हें कई जगह रोका और धौरहरा को सिर्फ जितिन चाहिए... के नारे लगाए। उनके काफिले को महोली व मैगलगंज में रोका गया।

जितिन के समर्थक उनके काफिले के सामने सड़क पर लेट गए जिस पर भावुक जितिन ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, धौरहरा से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं कहीं से भी चुनाव लड़ूं लेकिन मेरी आत्मा धौरहरा में ही बसती है। समर्थकों की भीड़ देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जितिन ने कहा कि मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं। पार्टी में साजिशें होती रहती हैं लेकिन जनता का प्यार हर साजिश को नाकाम कर देता है।

दरअसल, कांग्रेस ने 7 मार्च को जारी पहली सूची में ही जितिन को धौरहरा से टिकट दिया था, लेकिन बाद में उन्हें लखनऊ से लड़ाने पर भी विचार शुरू कर दिया। पार्टी लखनऊ से किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारना चाहती है ताकि पूरे प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं को संदेश जाए कि कांग्रेस उन्हें उचित प्रतिनिधित्व देने में पीछे नहीं है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि मौजूदा सांसद रेखा वर्मा को भाजपा का टिकट मिलने पर कांग्रेस धौरहरा में खुद को मजबूत स्थिति में देख रही है। हाईकमान इस बात पर भी विचार कर रहा है कि इन परिस्थितियों में जितिन ही वहां सबसे मुफीद चेहरा साबित होंगे। यही वजह है कि कांग्रेस ने न तो धौरहरा में टिकट बदलने की घोषणा की है और न ही लखनऊ से किसी को प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि जितिन लखनऊ या धौरहरा कहां से लड़ेंगे, इसे तय होने में एक-दो दिन का वक्त अभी और लग सकता है। पूरी स्थिति से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत करा दिया गया है। अंतिम निर्णय उन्हें ही लेना है।