ड्रोन से हमला कर सकते थे बांग्लादेशी आतंकी

बांग्लादेशी आतंकी खैरुल मंडल और अबु सुल्तान को लेकर सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। खैरुल ड्रोन से हमले की तकनीक से भलीभांति वाकिफ था। उसने ड्रोन से आतंकी हमला करने की तकनीक बांग्लादेश में सीखी थी। जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन (जेएमबी) के संस्थापक सदस्यों में शामिल खैरुल को इसमें संगठन से जुड़े एक इंजीनियर ने मदद की थी। उसी की मदद से जेएमबी ने ड्रोन भी बना लिया था, लेकिन उसके इस्तेमाल से पहले आतंकियों के खिलाफ हुई बांग्लादेश पुलिस की कार्रवाई ने उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। 
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान खैरुल ने यह स्वीकार किया है कि उसे ड्रोन के बारे में काफी कुछ जानकारी है। बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के दौरान उसके संगठन जेएमबी ने ड्रोन बनाने और उससे हमले की तकनीक का इजाद किया था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके एक शख्स जो जेएमबी से जुड़ा था, ने खैरुल और दूसरे आतंकियों को इसकी तकनीक बतायी थी। उसी की मदद से जेएमबी ने ड्रोन बनाया था और उसका परीक्षण भी किया। पूछताछ के दौरान खैरुल ने यह भी खुलासा किया कि ड्रोन का परीक्षा पूरी तरह सफल रहा था। जांच से जुड़े अधिकारियों को अशंका है कि खैरुल भारत में आतंकी वारदात के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता था। यदि ऐसा करने में वह कामयाब होता तो आतंकी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते थे।
खैरुल के भारत आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। बांग्लादेश से भारत आने में उसे एक दलाल ने मदद की। बगैर किसी वैध कागजात के भारत पहुंचने के लिए उसने मात्र एक हजार रुपए खर्च करने पड़े। एक दलाल को उसने पैसे दिए जिसने उसे भारत की सीमा में दाखिल करा दिया।बिहार एटीएस ने बांग्लादेश आतंकियों को गिरफ्तारी करने की कार्रवाई फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया। पटना जंक्शन के पास मदनी मुसाफिरखाना में छोटी टीम ने पहले खैरुल मंडल और अबु सुल्तान की मौजूदगी का पता लगाया। जब दोनों लोकेट हो गए तो एटीएस की टीम फटाफट उन्हें कब्जे में लेकर निकल गई। मदनी मुसाफिरखाना के दुकानदारों और दूसरे लोगों को पुलिस की छापेमारी का अहसास तो हुआ पर यह नहीं समझ पाए कि आतंकियों को दबोचा गया है। टिकट दलालों के खिलाफ कार्रवाई की आशंका से वहां खलबली मच गई और इसी का फायदा उठाकर एटीएस अपना काम कर चलती बनी। एटीएस को बांग्लादेशी आतंकियों की तस्वीर मिल गई थी। साथ ही यह भी पता चल चुका था कि दोनों मदनी मुसाफिरखाना में मौजूद हैं। इसके बाद पूरे अभियान को आईजी एटीएस की प्लानिंग के हिसाब से अंजाम दिया गया। फोटो लेकर पहुंची टीम ने मुसाफिरखाना के पास दोनों की मौजूदगी को लोकेट किया। छोटी टीम जहां भीड़भाड़ में अपना काम कर रही थी वहीं एक टीम आसपास मौजूद थी, ताकि किसी भी हालात से निपटा जा सके।  
पटना जंक्शन से गिरफ्तार बांग्लादेशी आतंकी खैरुल मंडल और अबु सुल्तान के भारत में मौजूद नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। दोबारा पूछताछ के लिए दोनों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड पर लिया है। बुधवार की देर शाम एटीएस की टीम उन्हें बेऊर जेल से अपने साथ ले गई। दोनों से पूछताछ के लिए आईबी और दूसरी एजेंसियों की टीम के भी पटना आने की संभावना है। इससे पहले एटीएस ने खैरुल और अबु को रिमांड पर लेने के लिए अदालत से अनुरोध किया था। सूत्रों के मुताबिक अदालत ने दो दिनों का रिमांड दिया है। दोनों को गुप्त ठिकाने पर ले जाकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक खैरुल भारत में मौजूद जेएमबी आतंकी संगठन की काफी जानकारी रखता है। पर उसे आतंक का पाठ कुछ इस कदर पढ़ाया गया है कि वह आसानी से जुबान नहीं खोल रहा।गिरफ्तारी के बाद शुरुआती पूछताछ में मिली जानकारी के बाद एटीएस ने उसपर काम किया है। कई लिंक मिल रहे हैं जिसके आधार पर अब दोनों से पूछताछ की जा रही है। एटीएस की टीम दोनों आतंकियों से रातभर पूछताछ करती रही। इस दौरान ज्यादतर समय दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई। पर कई मौकों पर दोनों को आमने-सामने रखकर भी सवाल दागे गए। एटीएस दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ ही केन्द्रीय जांच व खुफिया एजेंसियों के भी संपर्क में है।