मामला यूपी के मेरठ जिले का है जहां यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी ओ पी सिंह के नाम से ट्रू कॉलर पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों पर रौब दिखाने वाले दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है इस फर्जी आईडी से युवकों ने थाने पर कई बार सिफारिशें भी की है। साथ ही अपराधियों की थानों में सिफारिश कर रकम भी वसूलते थे।
डीजीपी की फर्जी आईडी बनाने वाले युवक गिरफ्तार
आरोपी युवकों का नाम अरुण और रामगोपाल बताया जा रहा है। जानकारी मिलने पर बहसूमा थाना पुलिस ने रामराज कस्बा से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इस आईडी से दोनों पुलिस अधिकारियों में रौब जमाकर गुमराह करते थे।
थानों में दिखाते थे रौब, पुलिस अधिकारियों को करते थे गुमराह
एसओ बहसूमा रविंद्र कांबोज ने बताया कि रामराज निवासी अरुण कुमार और रामगोपाल करीब तीन महीने से यह फर्जीवाड़ा कर रहे थे। उन्होंने मेरठ, मुजफ्फरनगर और बिजनौर के कई थानों में और पुलिस अधिकारियों पर रौब गालिब कर कई अपराधियों की सिफारिश की। मंगलवार शाम साइबर सेल की टीम ने थाना प्रभारी बहसूमा को आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही।
एसओ के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने ट्रू कॉलर आईडी पर अपने नंबर को डीजीपी के नाम सेव किया था। इसका प्रयोग वह फर्जी कामों के लिए करते थे। उन्होंने कई बार एसएसपी व डीआईजी को भी फोन करना स्वीकार किया है। दूसरा आरोपी अरुण कुमार रामराज में कई साल से झोलाछाप डॉक्टर है। दोनों से गहनता से पूछताछ चल रही है।
पुलिस ने बताया है कि आरोपी पुलिस अधिकारियों से बात करते थे। थानों में वह आसानी से रिपोर्ट दर्ज करा देते थे। आरोपी रामगोपाल बहसूमा थाने में पड़ोसी युवक के खिलाफ छेड़छाड़ करने और युवती के अपहरण करने के आरोप में फर्जी रिपोर्ट दर्ज करा चुका है।