चिंतामन गणेश मंदिर में मन्नत के धागों में आग लगी

उज्जैन। चैत्र मास की पहली जत्रा पर बुधवार को चिंतामन गणेश मंदिर में भक्तों का तांता लगा। दिनभर में करीब 15 हजार भक्तों ने चिंतामन गणेश के दर्शन किए। हालांकि इस बार जत्रा की शुरुआत विवाद के साथ हुई। सुबह गर्भगृह के निर्गम द्वार से मंदिर के भीतर प्रवेश करने को लेकर दर्शनार्थियों में विवाद हुआ। इसके बाद मंदिर की परिक्रमा पथ पर लगी रैलिंग में बंधे मन्नत के धागों में आग लग गई। इससे भी कुछ देर के लिए अफरा-तफरी की स्थिति निर्मित हुई। इस दौरान मंदिर प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी मूकदर्शक बने रहे। पिछले कुछ समय से धर्मधानी के प्रमुख मंदिरों में प्रशासनिक व्यवस्था लचर पड़ी है। अधिकांश मंदिरों में राजनीतिक रसूख से प्रबंधक बैठे हैं, जिनका श्रद्घालुओं की सुविधा से कोई सरोकार नहीं है। चिंतामन गणेश मंदिर भी इससे अछूता नहीं है। यहां की व्यवस्था भी बदहाल पड़ी है। बुधवार को चैत्र मास की जत्रा पर दर्शनार्थियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। इसकी शुरुआत सुबह के समय ही हो गई थी। वीआईपी के नाम पर बड़ी संख्या में श्रद्घालु गर्भगृह के निर्गम द्वार से भीतर प्रवेश कर रहे थे। यह देख घंटों से कतार में खड़े भक्त आक्रोशित हो गए और इस व्यवस्था का विरोध करने लगे। काफी देर तक मंदिर में हंगामे की स्थिति रही। इसके बाद सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और विवाद शांत कराया। कुछ ही देर बाद भगवान को लगाई गई अगरबत्ती के धूने को किसी ने परिक्रमा पथ के नजदीक रख दिया। इससे रैलिंग पर बंधे मन्नत के धागों में आग लग गई। बाद में पुजारी पुरोहितों ने पानी डालकर आग बुझाई। इसके बाद स्थिति समान्य हुई।