भिंड में 30 सालों से लगातार खिल रहा कमल

भिंड। भिंड-दतिया लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए एक अभेद्य गढ़ बन गया है। पिछले 30 सालों के दौरान कांग्रेस ने यहां हर तरह के प्रयोग किए, कई पैतरे आजमाए, कमल को नहीं हिला पाए। पिछले 30 सालों के दौरान 8 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यहां अपने टिकट पर पांच चेहरों को मैदान में उतारा, भिंड के लोगों ने हर बार कमल को ही चुना है। जड़ जनसंघ के दौर में ही बन गई थी। अब तक हुए कुल 14 चुनावों में से 10 बार भाजपा व जनसंघ परचम लहरा चुका है। एक बार बीएलडी व तीन बार कांग्रेस जीती है। 1984 के बाद से कांग्रेस यहां कभी भी नहीं जीती। 1989 से लगातार भाजपा ही चुनाव जीतती आ रही है। सीट पर मजबूत पकड़ का ही यह नतीजा है कि भाजपा ने पहली फुर्सत में यहां दिमनी (मुरैना) की पूर्व विधायक संध्या राय को चुनाव मैदान में उतार दिया। 1962 से लेकर 2009 तक यह सीट सामान्य रही। 2009 में इसे सुरक्षित कर दिया गया। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने प्रशासनिक सेवा से रिटायर हुए डॉ. भागीरथ प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने उससे बड़ा दांव खेला। रात में कांग्रेस का टिकट लेकर आए डॉ. भागीरथ प्रसाद को सुबह अपने टिकट से लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया। ऐनवक्त पर कांग्रेस ने विधायक इमरती देवी को मैदान में उतारकर साख बचाने की कोशिश की।