प्रदेश में कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर- कांग्रेस 
-इस संकट की घड़ी में पूरी महिला कांग्रेस देश और शहीदों के परिवार के साथ है

 

लखनऊ (वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा)। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। लखनऊ में जिस प्रकार उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय में एक व्यक्ति ने महिला कर्मचारी के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगायी वह अपने आप में यह दर्शाता है कि किसी भी आदमी को कानून का भय नहीं रह गया है। उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि जब पर्यटन भवन जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय में यह घटना घटित हो सकती है तो प्रदेश में कही भी कुछ भी हो सकता है। पर्यटन कार्यालय के कर्मचारी इतने शिथिल हैं और सुरक्षा के प्रति इतने लापरवाह हैं वह इसे देखने से ही प्रतीत होता है। अब तो ऐसी स्थिति हो गयी है कि कोई व्यक्ति घर से बाहर निकले तो शाम को वापस घर सही सलामत आयेगा इसकी कोई गारन्टी नहीं है। 

कल ही दिनांक 15 फरवरी, 2019 को जिस प्रकार से महानगर में समाचार पत्र वितरक को गोली मारी गयी वह इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए ऐसा हो रहा है कि जब कानून के रखवाले विधायक और उनके लोग जरा-जरा सी बात पर गोली चला देंगे तो कोई भी कुछ कर सकता है। 15 फरवरी को ही एक विधायक ने युवा कंाग्रेस कार्यकर्ताओं पर इसलिए गोली चला दी कि उनकी गाड़ी को उन कार्यकर्ताओं ने ओवरटेक कर दिया था। जब विधायक ही ऐसी गन्दी हरकत करेंगे तो निश्चिित रूप से साधारण लोगों का मन बढ़ेगा। प्रदेश की स्थिति यह हो गयी है कि घर, कार्यालय, सड़क पर चलना और यहाॅं तक कि प्रातः कालीन समाचार-पत्रों का भी बटना और लोग उस पर सुरक्षित रह जायें, तो यह ईश्वर की कृपा है, प्रदेश सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है, ऐसा लगता है कि इस प्रदेश का कोई रखवाला नहीं रह गया है, अगर सरकार ने इसको रोकने का कोई उपाय नहीं किया तो आश्चर्य नहीं कि प्रदेश में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाये।

उधर आज भी पाकिस्तान के विरुद्ध लोगो का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश महिला कंाग्रेस मध्य जोन की अध्यक्ष श्रीमती ममता चैधरी के नेतृत्व में महिला कंाग्रेस ने रोष प्रकट करते हुए पाकिस्तान का पुतला फूंका। प्रदेश महिला कंाग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने का समय आ गया है। इस कार्यक्रम में आरती बाजपेयी, सुशीला शर्मा, अंजुम खान, शीला मिश्रा, शालिनी सिंह, प्रेमलता द्विवेदी, सरोज चैबे, मीना रावत, ममता सक्सेना, सुमन प्रजापति, पल्लवी उपाध्याय, अनिता थरानियां, प्रेमकला श्रीवास्तव, गजाला सिद्दीकी, रामकुमारी आदि महिलाएं मौजूद रहीं।