गोरखपुर (वेबवार्ता/अजय कुमार वर्मा) गोरखपुर के जिला महिला चिकित्सालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 50.75 करोड़ रुपए की लागत की 09 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। इसमें 45.56 करोड़ रुपए की लागत की 6 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 5.19 करोड़ रुपए की लागत की 03 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर उन्होंने जे.ई./ए.ई.एस. रोग की रोकथाम सम्बन्धी पुस्तक तथा इसकी कार्य योजना सम्बन्धी पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकार्पित 100 शैय्यायुक्त एम.सी.एच. विंग एवं 100 शैय्यायुक्त क्षय रोग सह सामान्य चिकित्सालय व 03 मिनी पी.आई.सी.यू महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में काफी उपयोगी होगा। इन स्वास्थ्य सुविधाओं से केवल जनपद गोरखपुर ही नहीं, बल्कि नेपाल, बिहार एवं बस्ती, आजमगढ़ आदि मण्डलों के जनपदों के मरीज लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि 100 शैय्या एम.सी.एच. विंग एवं क्षय रोग सह सामान्य चिकित्सालय का कार्य समय से पूर्ण हुआ है और जब योजना समयबद्ध ढंग से पूर्ण होती है तो रिवाइज स्टीमेट की आवश्यकता नहीं होती है। लोकार्पित परियोजनाओं में 100 शैय्यायुक्त एम.सी.एच वि ंग महिला चिकित्सालय, 100 बेड के टी0बी0 हाॅस्पिटल का निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अरांव जगदीश उरूवा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरौली, चैरी चैरा एवं गगहा में मिनी पी.आई.सी.यू. की स्थापना तथा शिलान्यास परियोजनाओं में जिला चिकित्सालय में एम.आर.आई. मशीन की स्थापना, जिला महिला चिकित्सालय में ओ.टी. उच्चीकरण, माॅड्युलर ओ.टी. की स्थापना तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जिला पुरुष चिकित्सालय में ओ.टी. का उच्चीकरण, माॅड्युलर ओ.टी. की स्थापना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बेहतरी हेतु प्रदेश अग्रणी भूमिका में है। इंसेफेलाइटिस की रोकथाम में काफी सफलता मिली है, और आने वाले समय में इसे पूरी तरह से नष्ट करने की दिशा में प्रबल कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी से पुनः जे.ई. टीकाकरण का प्रथम चरण प्रारम्भ होने जा रहा है। द्वितीय चरण 15 मई से 15 जून तथा तृतीय चरण 01 जुलाई से 31 ज ुलाई तक चलाया जायेगा। उन्हा ेंने कहा कि इस बीमारी पर नियंत्रण पाने हेतु 5 विभागों-पंचायती राज, स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, आई0सी0डी0एस0 एव ं आपूर्ति विभाग में आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये गये हंै। उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रति जनमानस को सावधानी बरतनी चाहिए और इंसेफेलाइटिस के लक्षण दिखते ही तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर इलाज प्रारम्भ करा देना चाहिए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश के 35 जनपदों में 100 शैय्यायुक्त एम.सी.एच. विंग का निर्माण किया गया है, जिसमें गोरखपुर जनपद में प्रथम लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस की बीमारी पर काफी नियंत्रण पाया गया है। वर्ष 2017 से 2018 के बीच इस बीमारी में 58 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। परिवार तभी सुखी होता है, जब स्वस्थ्य होता है। उन्होंने कहा कि लोकार्पित अस्पताल में समस्त चिकित्सकीय सुविधा एवं स्टाफ की तैनाती कर दी गयी है।
इस अवसर पर विधायक डाॅ0 राधामोहन दास अग्रवाल, अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशान्त त्रिवेदी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।